विवाहित महिलाएं हाथों में चूड़ियां पहनती है। कांच की चूड़ियां सुहागन महिलाओं के श्रृंगार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
शादी के बाद विवाहित स्त्रियों का हाथों में चूड़ियां पहनना 16 श्रृंगारों में एक अहम हिस्सा होता है।हिन्दू धर्म में ज्योतिष के अनुसार चूड़ी पहनने के कुछ नियम होते हैं।
पहले के समय में चूड़ियां विवाहित स्त्रियों की पहचान होती थीं। लेकिन समय के साथ ये अब फैशन में आ गई हैं। कुंवारी कन्याएं भी इसे पहनना पसंद करती हैं। क्या आपने इन चूड़ियों के लिए सोचा है कि ज्योतिष के अनुसार इन्हें पहनने के भी कुछ नियम भी है जिसका पालन आपको जरूर ही करना चाहिए।
हाथो में कितनी चूड़ियां पहनी चाहिए ?
-ऐसा माना जाता है कि विवाहित महिलाएं को आमतौर पर 21 चूड़ियां पहननी चाहिए।
-हर हाथ में उचित और समान मात्रा में सोने या चांदी से बनी 2 चूड़ियां रख सकती हैं।
-नयी दुल्हन को कम से कम 40 दिनों तक चूड़ियां पहननी चाहिए।
-एक साल तक उन्हें कांच की चूड़ियां जरूर पहनना चाहिए। अगर आप नई चूड़ियां पहनती हैं तो इसे सुबह या शाम के समय पहनें।
किस दिन चूड़ियां पहनना शुभ है-
चूड़ियां बुध और चंद्रमा की प्रतीक मानी जाती हैं, इनका संबंध वैवाहिक जीवन और सुंदरता से होता है। चूड़ियां स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को भी बढ़ाती हैं। अगर दिन की बात करें तो नयी चूड़ियां पहनने के लिए सबसे अच्छा दिन रविवार और शुक्रवार को माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन नयी चूड़ियां पहनने से सुहाग हमेशा बना रहता है।
किस दिन चूड़ियां ना खरीदें
ज्योतिष में मंगलवार और शनिवार के दिन नयी चूड़ियां न खरीदने और न पहनने की सलाह दी जाती है। मान्यतानुसार मंगलवार और शनिवार को सुहागिन स्त्रियां यदि नयी चूड़ियां पहनती हैं तो ये उनके जीवन में कुछ अशुभ संकेत लाते हैं।
किस रंग की चूड़ियां ना पहने
विवाहित महिलाओं को काले या गहरे रंग की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए। इस रंग की चूड़ियां विवाहोपरांत शुभ नहीं मानी जाती हैं।
कहते है कि सुहागिन महिलाओं को चूड़िया जरुर पहनी चाहिए ऐसा करना पति की दीर्घायु और तरक्की में पुण्यफल लाता है।