जहा एक तरफ UP सरकार लोगो को अच्छे दिन की आशा देते हुए उनसे वोट मांग रही हैं इस बात का दावा का कर रही हैं की जल्द ही उनके अच्छे दिन आएंगे। उन्हें भी शहरों के मुताबिक अच्छी सुविधाएं, जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल मिलेंगे। वही UP से सामने आये इस वीडियो पर सबके सवाल खड़े हो उठे हैं कि क्या वाकई वो दिन अच्छे आएंगे भी या सिर्फ ये सब वोट की लालसा हैं मात्र कुछ नहीं।
जहां एक ओर यूपी सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं बाराबंकी जिले में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा हैं। यहां के इस जिला अस्पताल के डॉक्टरों को संसाधन की कमी से जूझना पड़ रहा है जिसका खामियाज़ा सिर्फ डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि वहा पर आने वाले पीड़ित मरीज़ो को ज़्यादा उठाना पड़ रहा हैं। मरीजों को भी इलाज के नाम पर केवल औपचारिकता ही मिल पाती है कुछ ज़्यादा नहीं। जिला अस्पताल में बिजली अभाव के चलते रात में डॉक्टरों को टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज तक करना पड़ रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों आग की तरह वायरल होता दिखाई दे रहा हैं।
बाराबंकी जिला अस्पताल में कई बार उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन इन सब का फायदा कुछ खास देखने को अबतक नहीं पाया हैं। निरीक्षण के दौरान जो अव्यवस्थाएं वहा के लोगो को देखने मिली थीं, उनको डिप्टी सीएम ने दुरुस्त करने के आदेश भी दिए थे, लेकिन यहां का हाल डिप्टी सीएम के दौरे के बाद भी नहीं सुधरा और आजतक काम यूही का यूँ हैं। दरअसल, बाराबंकी जिला अस्पताल सहित कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अव्यवस्थाओं का आलम है जिसके चलते ये परेशानिया देखनी पड़ रही हैं। अस्पताल में आए दिन कभी बिजली कटी रहती है तो कभी कुछ। अस्पताल में जनरेटर की भी व्यवस्था कुछ खास नहीं है, लेकिन यह कभी चलता है, कभी चालू नहीं हो पाता।
टॉर्च की रोशनी में करना पड़ता हैं इलाज
बिजली जाने के बाद तो यहां आने वाले मरीज़ो का हाल उन्ही के हाथ में होता हैं अगर फ़ोन में टोर्च हैं तो इलाज करवालो नहीं हैं तो लाइट आने का इंतज़ार करो। इन अव्यवस्थाओं को जानते-समझते हुए भी जिले के स्वास्थ्य अधिकारी समस्याओं को अबतक किसी भी तरीको से दुरुस्त नहीं करवा पा रहें हैं, जिसके कारण यहां के डॉक्टर और स्टाफ को रात के अंधेरो में जूझना पड़ता है। और परिणामस्वरूप मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ता है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे कई मामले
ये कोई आज का हाल नहीं बल्कि इससे पहले भी यहां ऐसे कई मामले देखे जा चुके हैं। जब बगैर लाइट के हम लोग घंटों अंधेरे में रहते हैं। अगर इंजेक्शन लगाना होता है तो मोबाइल की टॉर्च जला कर लगवाते हैं। जिसमे एक गलती होने पर इंसान की हालत बद से बत्तर भी हो सकती हैं।