जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को भारत में होगा। इसमें हिस्सा लेने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनिया के तमाम नेता दिल्ली आ रहे हैं। सुरक्षा की जोरदार तैयारियां की गई हैं। हालाँकि, बंदर चिंता का मुख्य कारण बन गए हैं।
क्योंकि दिल्ली में इनकी बड़ी आबादी है, जो कि अब एक चिंता का विषय बन रहा हैं। बंदरों को रिहायशी इलाकों के अलावा ऐतिहासिक स्थलों और दफ्तरों में भी खुलेआम घूमते देखा जा सकता है। वे कभी-कभी हमला करने का प्रयास भी करते हैं। ऐसे में उनसे निपटने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
क्या हैं गार्ड तैनात करने के पीछे मुख्य कारण?
भारत में अतिथि देवो भवः की संस्कृति हैं। ऐसे में किसी भी विदेशी पर्यटक को बंदरों के हमले से बचाने के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) और वन विभाग ने कुछ प्रयोग किए हैं। जहां भी G20 सम्मेलन होगा, वहां गार्ड तैनात किए जाएंगे और वे बंदरों को डराने के लिए इन लंगूर ध्वनियों का उपयोग करेंगे। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय के मुताबिक, लंगूरों के कटआउट लगाने का काम भी किया जा रहा है। सरदार पटेल मार्ग समेत अन्य स्थानों पर एक दर्जन से अधिक कटआउट लगे हुए हैं।
बंदरो की एक बड़ी सेना लुटियंस जोन में मौजूद
लुटियंस जोन, जो कि राजधानी दिल्ली में है, वहां बहुत सारे बंदर हैं। वे कभी-कभी इतनी परेशानी पैदा कर सकते हैं कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, सम्मेलन के मुख्य स्थल और विदेशी उपस्थित लोगों के लिए होटल जैसे अन्य सभी महत्वपूर्ण स्थानों को कवर किया जा रहा है ताकि कार्यक्रम के दौरान बंदरों की सेना को न देखा जा सके। आयोजन स्थल लगभग 30-40 प्रशिक्षित व्यक्तियों से घिरा होगा जो लंगूर के जैसे शोर मचाने में सक्षम होंगे। ये लोग बंदरों के सामने आते ही जोर-जोर से चिल्लाकर उन्हें भगाने की कोशिश करेंगे।