पृथ्वी पर सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि कई तरह के जीव-जंतु भी रहते हैं। दुनिया में तरह-तरह के कीट-पतंगे, जानवर, पक्षी और पशु आदि पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक सांप भी है जिसका नाम सुनकर ही लोगों का डर से बुरा हाल हो जाता है। सांप के डसने के बाद सीधा यमराज के दर्शन होते है और इसी वजह से सांप को देखकर ही लोग अपना रास्ता बदल लेते हैं।
दुनिया के सबसे जहरीले और खतरनाक जीव सांप को ही माना जाता है। मगर क्या आप लोग जानते है कि साल में एक दिन ऐसा भी है, जो स्पेशली सांपों को ही समर्पित है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन ये सच है। हर साल 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस यानी वर्ल्ड स्नेक डे के तौर पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं- इस दिन को क्यों मनाया जाता है और इसका क्या मकसद है-
दुनियाभर में सांपों की कई प्रजाति
दुनिया भर के विषैले सांपों की लगभग 725 प्रजातियां है जिनमें से 250 प्रजातियां ही इंसानों पर सबसे ज्यादा हमले करती है। साँप का शरीर जितना गर्म होता है, उतना ही जल्दी यह अपने शिकार को पचा सकता है। आमतौर पर, सांप को अपना भोजन पचाने में 3 से 5 दिन लगते हैं। दुनिया का सबसे भारी सांप एनाकोंडा है, इसका वजन 595 पाउंड और ये 16 फीट से अधिक लंबा हो सकता है।
दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक सांप
दुनियाभर में सांपों की 3500 से अधिक विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें 300 प्रजातियां केवल भारत में हैं। दुनिया का सबसे जहरीला सांप एशिया का किंग कोबरा है जो भारत से लेकर समूचे एशिया में पाया जाता है। भारत में इसे काला नाग, नाग देवता इत्यादि नामो से जाना जाता है। चलिए जानते है दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक सांपों के नाम क्या है।
मैनी बैंडेड क्रेट
ग्रीन मांबा
ब्लैक मांबा
फिलीपीन कोबरा
टाइगर स्नेक
इनलैंड ताइपन
सॉ-स्केल्ड वाइप
वर्ल्ड स्नेक डे मनाने की वजह
विश्व सर्प दिवस का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में यही सवाल आता है कि आखिर इस दिन को बनाने का मकसद क्या है। तो आपको बता दें कि इस दिन को मनाने का खास मकसद दुनियाभर में लोगों को सांपों के प्रति जागरूक करना है। इस मौके पर दुनिया भर में लोग सांप के प्रति अपना प्यार जाहिर करने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
वर्ल्ड स्नेक डे का इतिहास
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि साल 1967 में टेक्सास में सांपो के लिए एक फर्म की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे 1970 तक काफी मशहूर हो गई। इस फर्म ने लोगों को सांपो के प्रति जागरूक करने का भी काम शुरु किया था। इस दौरान फर्म ने ही 16 जुलाई को सांपों को लेकर विशेष आयोजन किए, जिसे देख बाद में अन्य एनजीओ ने भी सांपों के बारे जागरूकता फैलानी शुरू कर दी और इस तरह 16 जुलाई को वर्ल्ड स्नेक डे के तौर पर मनाया जाने लगा।