ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी मौलवी ने अधिकारियों से कहा है कि वे हर महिला का हिजाब पहनना सुनिश्चित करें, इससे पहले वे गर्मियों में ‘बिना कपड़ों के’ घूमने लगें। मौलवी का कहना है कि हिजाब कानून को लागू करने में सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए। मौलवी ने कहा, “हमें अपने धार्मिक मूल्यों की रक्षा करनी है, भले ही हमें कई बार अदालत जाना पड़े.” ।मौलवी का नाम मोहम्मद नबी मूसाविफर्ड बताया जा रहा है।
महिलाओं को हिज़ाब के लिए आगाह करने की ज़रूरत
रिपोर्ट के मुताबिक मौलवी मोहम्मद नबी ने आगे ये भी कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को बिना हिजाब के लोगों के लिए काम नहीं करना चाहिए।उन्होंने कहा, ”लोगों को गलत तरीके से हिजाब पहनने वाली महिलाओं को आगाह करना चाहिए और उदासीन नहीं रहना चाहिए। नहीं तो गर्मी में बिना कपड़ों के सड़कों पर निकल आएंगी’।
हिजाब न पहनने के कारण पानी का संकट पैदा हो गया- मोहम्मद-मेहदी हुसैनी हमदानी
ईरान के सर्वोच्च नेता के करीबी सहयोगी मोहम्मद-मेहदी हुसैनी हमदानी ने कहा था कि हिजाब पहनने के नियमों को तोड़कर महिलाओं ने देश भर में बारिश की कमी पैदा कर दी है। उन्होंने हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को सजा देने की भी मांग की थी।पिछले महीने एक ईरानी इमाम ने देश में बारिश की कमी के लिए हिजाब नहीं पहनने वाली महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया था।इमाम ने अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा था कि हिजाब न पहनने के कारण पानी का संकट पैदा हो गया है।
सैकड़ों लोगों की हिंसक प्रदर्शन में हुई मौत
रिपोर्ट के मुताबिक 19,763 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।ईरान में 22 साल की महसा अमिनी की मौत के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।उन्हें अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।कई महिलाओं ने खुले तौर पर रूढ़िवादी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अमिनी के समर्थन में अपने हिजाब को उतार फेंका.हाल ही में ह्यूमन राइट ग्रुप ने कहा था कि शुक्रवार (10 फरवरी) तक 528 प्रदर्शनकारियों की जान गई है, जिनमें 71 नाबालिग भी शामिल थे। साथ ही 70 सरकारी सुरक्षा बल भी मारे गए थे।