रामविलास की बरसी पर 'नए रिश्ते' बनाने में जुटे चिराग, पशुपति से की सुलह की कोशिश, तेजस्वी से की मुलाकात - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

रामविलास की बरसी पर ‘नए रिश्ते’ बनाने में जुटे चिराग, पशुपति से की सुलह की कोशिश, तेजस्वी से की मुलाकात

लोजपा के सांसद चिराग पासवान अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के वार्षिक श्राद्ध (बरसी) को लेकर किए जा रहे कार्यक्रम को लेकर सारे गिले-शिकवे भूल नए रिश्ते बनाने में जुटे हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के वार्षिक श्राद्ध (बरसी) को लेकर किए जा रहे कार्यक्रम को लेकर सारे गिले-शिकवे भूल नए रिश्ते बनाने में जुटे हैं। चिराग जहां इस कार्यक्रम के आमंत्रण देने को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की वहीं आमंत्रण पत्र में अपने चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस और भाई प्रिंस राज सहित अन्य परिजनों का नाम देकर उनसे भी सुलह की कोशिश में जुटे हैं। चिराग के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचकर तेजस्वी से मिलने के बाद राज्य की सियासत में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे वहीं इसके मायने भी निकाले जा रहे है।
कुछ दिन पूर्व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने इशारों ही इशारों में चिराग को तेजस्वी के साथ आने की सलाह दी थी। बिहार की राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले लालू प्रसाद ने चिराग को बड़ा नेता बताते हुए कहा था कि अगर तेजस्वी और चिराग एक साथ राजनीति करते हैं तो बिहार की राजनीति की अलग दिशा होगी। चिराग से मिलने के बाद तेजस्वी से जब चिराग के साथ एक प्लेटफॉर्म पर आने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, लालू जी जब कह ही दिए हैं मुझे कहने की जरूरत है। जब वे कह दिए हैं तो अब कुछ कहना बाकी है क्या?
इससे स्पष्ट है कि राजद चिराग को साथ लेने के लिए बाहें फैलाए हुए है, बस चिराग के हामी भरने की देरी है। इस दौरान हालांकि तेजस्वी से मिलने के बाद चिराग ने स्पष्ट कर दिया कि इस मुलाकात के कोई भी राजनीति मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा, लालू प्रसाद के परिवार के साथ उनके परिवार का पारिवारिक संबंध रहा है। पिता जी भी लालू प्रसाद के साथ मिलकर काम किए है। पासवान ने कहा कि लालू परिवार से हमारा पुराना रिश्ता है। पिता रामविलास पासवान और लालू यादव के बीच अच्छी दोस्ती थी। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली में लालू प्रसाद से भी मुलाकात भी करेंगे।
चिराग हालांकि अब तक अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं, लेकिन सभी से अपने संबंध को नयापन देने में जुटे हैं । लोजपा के संस्थापक और दिवंगत नेता रामविलास पासवान की पहली बरसी के मौके पर चिराग पटना में 12 सितंबर को बरसी के कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहे हैं। इसके लिए छपवाए गए कार्ड पर चाचा पशुपति पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज का भी नाम अंकित करवाए है। इस आमंत्रण कार्ड के जरिए चिराग ने संकेत दिए हैं कि वह परिवार में अब सुलह करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने खुद पहल की है। सूत्रों का कहना है कि वे खुद चाचा पारस को आमंत्रण देने भी गए थे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चाचा पशुपति पारस की बगावत के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई है। एक गुट का नेतृत्व जहां पारस कर रहे हैं वहीं एक गुट चिराग पासवान के नेतृत्व में चल रहा है। दोनों गुट लोजपा पर अपना दावा पेश कर रहे है। इधर, चिराग इस बरसी को लेकर तमाम नेताओं को आमंत्रण भेज रहे हैं। लोजपा (चिराग गुट) के प्रवक्ता अशरफ अंसारी कहते हैं कि यह पारिवारिक कार्यक्रम है। निमंत्रण उन सभी को भेजा जा रहा है, जिनसे नेता जी रामविलास पासवान जी के संबंध रहे हैं। वे पार्टी के संस्थापक थे। वे सभी के नेता थे। उनकी आत्मा की शांति के लिए ही बरसी मनाई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।