कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की पूरी जांच होनी चाहिए। उसका यह सवाल भी है कि जांच एजेंसियों द्वारा सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा किए गए ‘उत्पीड़न’ की आम आदमी पार्टी ने भर्त्सना नहीं की थी क्योंकि उसमें (आप में) नैतिकता नहीं है, लेकिन उसके (कांग्रेस के) भीतर नैतिकता है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी का स्वागत किया था
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग जैसी संस्थाएं राजनीतिक प्रतिशोध और उत्पीड़न का हथियार बन चुकी हैं। दूसरी तरफ, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने सिसोदिया की गिरफ्तारी का स्वागत किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर पार्टी के रुख में अस्पष्टता की स्थिति है तो सुप्रिया ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह किसी से छिपा नहीं है कि सरकार की एजेंसिया भाजपा के किसी नेता के पास नहीं जाएंगी। अडाणी जी के पास ईडी और सीबीआई नहीं जाएगी। सारी एजेंसियां सिर्फ विपक्षी नेताओं के पास क्यों जाती हैं?’’
शराब घोटाले’ की जांच होनी चाहिए
उन्होंने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जब ऑक्सीजन के लिए दिल्ली तड़प रही थी तो आप शराब नीति बना रहे थे। भाजपा के लोग भी कुंभकरण की नींद सो रहे थे। इस मामले में हम ही शिकायतकर्ता हैं। सवाल इस घोटाले के लिए हैं और रहेंगे। क्या यह उचित कार्रवाई है, इस बारे में भी सवाल हैं।’’ सुप्रिया का कहना था कि ‘शराब घोटाले’ की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमारे नेताओं को बुला-बुलाकर ईडी प्रताड़ित करती है, हमारे नेताओं को गिरफ्तार किया जाता है तो तब क्या आम आदमी पार्टी ने भर्त्सना करते हुए एक शब्द बोला था? उनके अंदर नैतिकता नहीं है, हमारे अंदर नैतिकता है।’’ सुप्रिया ने आप से सवाल किया, ‘‘क्या आपको इसका अहसास है कि जब विपक्ष पर हमला हो रहा है तब चुप रहने का कोई विकल्प नहीं है?’’
कई अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भारतीय जनता पार्टी के कई ऐसे नेताओं की एक सूची ट्विटर पर साझा की जो न किसी न किसी मामले में आरोपी हैं या रहे हैं। इनमें असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, महाराष्ट्र में भाजपा नेता नारायण राणे और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह (सूची) जैसी मेरे पास आई है, वैसी साझा कर रहा हूं। ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ के अर्थ को लेकर हैरान रहता था। मुझे लगता है कि वह सिर्फ बीफ के बारे में बात करते हैं।’’
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