दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह 29000 से अधिक वकीलों के लिए 30 नवंबर तक मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत एलआईसी और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी (एनआईएसी) से बीमा पॉलिसियां खरीदे।अदालत ने इस कल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन से संबंधित याचिकाओं पर यह आदेश दिया। अदालत को बताया गया कि 28,774 वकीलों के वास्ते ग्रुप (टर्म) जीवन बीमा पॉलसियां के लिए अंतिम कोटेशन को 10,07,70,894 रूपये पर अंतिम रूप दिया गया है।
एनआईएसी ने 29,077 वकीलों के लिए ग्रुप मेडिक्लेम बीमा पॉलिसियों 10500 रूपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष की अंतिम दर तय की है और 25 फीसद भुगतान वकीलों को करना होगा। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा, कंपनियों के साथ अंतिम रूप दिए गए इन आंकड़ों के मद्देनजर दिल्ली सरकार 28,744 सदस्यों के लिए एलआईसी से और 29,077 वकीलों के लिए एनआईएसी से बीमा पॉलिसियां खरीदने की दिशा में आगे बढ़े जिनके नामों की पहले ही पुष्टि हो चुकी हैं। ये पॉलिसियां 30 नवंबर से पहले खरीद ली जाए।
हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह ग्रुप बीमा पॉलिसी है , इसलिए हर वकील को जिन्हें इसका लाभ दिया जाना है। संबंधित कंपनियां एक पत्र देगी और उनमें यह बताया जाए कि ग्रुप (टम) जीवन बीमा और ग्रुप मेडिक्लेम बीमा उनके फायदे के लिए खरीदा गया है। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, जो दर कोट की गयी है वे नवंबर और दिसंबर 2019 में कोट की गयी दरों से थोड़ा अधिक हैं। चूंकि ये आंकड़े इस चरण में दिल्ली सरकार के मंजूर संपूर्ण बजट के अंतर्गत है, इसलिए उसे यह अदालत भी मंजूर कर रही है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि ये पॉलिसियां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रह रहें वकीलों के लिए हैं, ऐसे में यदि यह स्कीम एनसीआर में वकीलों को यह सुविधा दी गयी तो बजटीय आवंटन बढ़ सकता है। इस पर अदालत ने कहा कि अंतिम सुनवाई के दौरान इस मुद्दे पर गौर किया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।