अपने मित्र राष्ट्र से मिलाना हो या शत्रु देश को दोस्त बनना हो ये सब एक अच्छी विदेश नीति से ही सभव हो सकता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरा कुछ राष्ट्र शांति के लिए “जिओ और जीने दो” के सिद्धांत को अपना कर अपने राष्ट्र के विकास में प्रयासरत हो गए जिसके के लिए सभी देशो ने विभिन्न मुद्दों पर समिति और संगठन को निर्माण किया। जिनका उद्देश्य राजनीतिक, भौगोलिक ,आर्थिक आपसी भाईचारा स्थापित कर विदेश नीति का निर्माण करना है।
एस.सी.ओ. के उद्देश्य
राजनैतिक, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, अनुसंधान व प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति में प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना। शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, इत्यादि में क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाना। संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना तथा सुनिश्चिता प्रदान करना। शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक से एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को गोवा के डाबोलिम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। भारत की अध्यक्षता की तैयारियों का जायजा लेने पुँहचे जयशंकर।
सभी एससीओ सदस्यों को औपचारिक निमंत्रण भेजा
भारत ने 2022 में समरकंद एससीओ शिखर सम्मेलन में एससीओ की घूर्णन अध्यक्षता संभाली। इस वर्ष भारत 4-5 मई तक गोवा में विदेश मंत्रियों की बैठक सहित एससीओ की कई महत्वपूर्ण बैठकों की मेजबानी कर रहा है। भारत ने सभी एससीओ सदस्यों को औपचारिक तौर पर निमंत्रण भेजा था और चीन, पाकिस्तान और रूस के विदेश मंत्रियों ने बैठक में भाग लेने की पुष्टि की है।
क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर मंगलवार को कहा कि बैठक में किन गैंग अन्य एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करेगा।बैठक में, स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री किन गैंग अन्य एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों में एससीओ सहयोग सहित अन्य विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, ताकि इस साल के एससीओ शिखर सम्मेलन की पूरी तैयारी की जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय एजेंडे के सामयिक मुद्दों पर बात करेगा रूस
इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी चार मई को होने वाली एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. उसी को लेकर भारत में रूसी दूतावास ने कहा, ‘4-5 मई को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव बैठक में हिस्सा लेंगे. भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक। एक रूसी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि “अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय एजेंडे के सामयिक मुद्दों” पर विचार-विमर्श विदेश मंत्री लावरोव द्वारा भी उठाया जाएगा।
बिलावल भुट्टो-जरदारी एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए उत्साहित
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी भी गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं। इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भुट्टो-जरदारी गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने गुरुवार को एक साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भुट्टो-जरदारी विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहे हैं।प्रवक्ता ने कहा, “बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की निरंतर प्रतिबद्धता और पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है। बिलावल लगभग 12 वर्षों के अंतराल के बाद भारत आने वाले पहले विदेश मंत्री होंगे। 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था। 2001 में स्थापित, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश – कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।