राम मंदिर निर्माण में नहीं होगा ‘लोहे-सीमेंट’ का इस्तेमाल,इन खास चीजों से किया जाएगा तैयार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

राम मंदिर निर्माण में नहीं होगा ‘लोहे-सीमेंट’ का इस्तेमाल,इन खास चीजों से किया जाएगा तैयार

काफी लंबे समय से चले आ रहे राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को रामलला के पक्ष में होकर फैसला सुनाया है।

काफी लंबे समय से चले आ रहे राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को रामलला के पक्ष में होकर फैसला सुनाया है। अब राम मंदिर बनाने का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है। वहीं अब इस बात की चर्चा खूब जोरों-शारों से हो रही है कि आखिर राम मंदिर किसी तकनीक से तैयार किया जाएगा। 
1573462609 images (11)
राम मंदिर निर्माण की तैयारियां 90 के दशक यानी करीब 30 साल पहले ही आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई ने चालू कर दी थी। उन्होंने यह सब कुछ विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल जी के साथ मिलकर किया। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए यदि 2000 कारीगर लगाए जाते हैं तो इसे ढाई साल में पूरा तैयार किया जा सकता है। तब मंदिर बनाने के लिए तकरीबन 100 करोड़ रुपए के खर्च का आकलन किया गया है। 
1573463067 ram mandir construction
बता दें कि राम मंदिर के लिए साल 1989 में डिजाइन तैयार कर लिया गया था। डिजाइन तैयार करने वाले शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया है कि राम मंदिर किस तरह से बनाया जाएगा। राम मंदिर मशहूर नागर शैली के आधार पर बनेगा। उत्तर भारत में नागर शैली प्रसिद्ध है। मंदिर के लिए 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है, इसके गुम्बद को अभी डिजाइन किया जा रहा है। 
1573462463 13 29 423336272ram 1 ll
नहीं होगा लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल
जरूरी बात ये है इन मंदिरों में लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल नहीं होता है। इसका उत्कृष्टï उदाहरण भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर नागर शैली है। जिस हिसाब से राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया गया है उसके मुताबिक तो मंदिर बनाने में करीब 2 लाख 63 हजार घनफीट पत्थर का उपयोग किया जाना चाहिए। अब तक 1 लाख 60 घनफीट पत्थर तैयार कर दिए गए हैं। 
1573462473 temple map 111119105540
इस तकनीक का किया जाएगा उपयोग
राम मंदिर का नक्शा उत्तर भारत की नागर शैली पर रेडी किया गया है। यह नागर शैली उत्तर भारतीय हिंदू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है। वास्तुशास्त्र की मानें तो नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक इसका चतुष्कोण होना है।  इसकी दो खास और बड़ी विशेषताएं हैं विशिष्ट योजना एंव विमान।
1573462503 13 32 141440434ram 2 ll
 इसकी मुख्य भूमि आयताकार होती है जिसमें बीच के दोनों ओर क्रमिक विमान होते हैं और फिर इसका पूर्ण आकार तिकोना हो जाता है। यह मंदिर दो मंजिला होगा। पहली मंजिल पर भगवान राम जी का मंदिर होगा और दूसरी मंजिल पर राम दरबार होगा। जहां पर राम,लक्ष्मण और सीता जी के साथ हनुमान जी की मूर्ति लगाई जाएगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − 9 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।