देश के सबसे सनसनीखेज और बहुचर्चित निर्भया मामले में पीड़ति पक्षकारों की कानूनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा कुशवाहा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गई हैं। 2012 के दिल्ली गैंगरेप और हत्या मामले में निर्भया के वकील को गुरुवार को यानी आज लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मौजूदगी में बसपा की सदस्यता दिलाई गई।
कुशवाहा करना चाहती हैं दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों का कल्याण
सीमा कुशवाहा ने पहले कहा था कि वह दलितों और कमजोर वर्ग के कल्याण की खातिर लड़ने के लिए बसपा में शामिल हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की वकील ने उस वक्त चर्चा में आईं थी जब उन्होंने 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा को न्याय दिलाने के लिए 8 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, जिसका चलती बस में 6 लोगों ने बेरहमी से बलात्कार किया गया था और 16 दिसंबर 2012 की रात को मरने के लिए छोड़ दिया गया था।
सीमा कुशवाहा ने की निर्भया ज्योति ट्रस्ट की स्थापना
मामले में दोषियों को मौत की सजा दिए जाने के सालों बाद सीमा कुशवाहा ने हाथरस रेप और मर्डर केस में इंसाफ की लड़ाई लड़ी। उन्होंने बलात्कार पीड़ितों के लिए नि: शुल्क लड़ने के लिए एक अभियान भी शुरू किया और निर्भया ज्योति ट्रस्ट की स्थापना की। सीमा समृद्धि कुशवाहा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली हैं। मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी में उनका शामिल होना महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हुआ है।
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव
राज्य की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच मतदान होगा। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने हाल ही में घोषणा की थी कि पार्टी प्रमुख और पूर्व सीएम मायावती इस साल यूपी चुनाव नहीं लड़ेंगी और वह यूपी और अन्य दो चुनावी राज्यों के लिए पार्टी के चुनाव अभियान की निगरानी करेंगी। राज्यसभा सांसद मिश्रा ने भी इस साल चुनाव लड़ने से किनारा कर लिया है।