केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ से ठीक एक दिन पहले रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के हक में लागू की गई योजनाओं की चर्चा करते हुए गन्ना मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रूपए की वृद्धि की घोषणा की।
आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा द्वारा आयोजित ‘किसान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने तय किया है कि अब तक प्रति क्विंटल जिस गन्ने का दाम 325 रूपए मिलता था, उसमें 25 रूपए की वृद्धि की जाएगी और यह अब प्रति क्विंटल 350 रूपए मिलेगा।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा ” सरकार ने तय किया है कि सामान्य गन्ने का जो 315 रूपए (प्रति क्विंटल) अब तक दाम था, उसमें भी अब 25 रूपए की वृद्धि होगी और प्रति क्विंटल 340 रूपए का भुगतान होगा। साथ ही सरकार ने अनुपयुक्त गन्ने के दाम में भी प्रति क्विंटल 25 रूपए की वृद्धि करने का फैसला किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि नई तकनीक के साथ किसान को अत्याधुनिक बीज दें ताकि वे भी अगेती गन्ना का ही उत्पादन करने की दिशा में आगे बढ़ें। आदित्यनाथ ने किसानों को इस नई घोषणा के फायदे बताते हुए कहा, ”इससे गन्ना किसानों की आय में अतिरिक्त आठ प्रतिशत की वृद्धि होगी और 45 लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन होगा। यह परिवर्तन सामान्य नहीं है। 119 चीनी मिलों को चलाना है और एथनॉल के साथ इसे जोड़ना है।”
उन्होंने कहा कि पिछले 4.5 सालों के अंदर हमने किसानों से अन्न की रिकॉर्ड खरीद की है। इससे पहले की सरकारें भी कर सकती थीं। पिछली सरकारों से पूछना चाहिए कि उन्होंने किसानों से अन्न खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं की? उन्होंने कहा कि अगर हम गेहूं खरीद की बात करें तो पिछली सरकार ने 19,02,098 किसानों को 12,808 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। हमारी सरकार ने 43,75,574 किसानों को 36,504 करोड़ रुपए का गेहूं भुगतान उनके खाते में किया।
उन्होंने विपक्षी दलों निशाना साधा और कहा कि बहुजन समाजवादी सरकार के दौरान 21 चीनी मिलें बंद हुई थीं। उन्होंने औने-पौने दामों पर चीनी मिलों को बेच दिया था। 250-300 करोड़ रुपए की चीनी मिलों को 25-30 करोड़ रुपए में बेचने का काम हुआ था वहीं समाजवादी पार्टी की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुई थीं। हमने बंद चीनी मिलों को चलाने का काम किया। सपा, बसपा सरकारों ने जिन चीनी मिलों को बेचने का काम किया था उनमें से जो चीनी मिलें वापस आ सकती थी हमने उनमें नए संयंत्र लगाकर शुरू किया।