लगभग समूची दुनिया में कोरोना वायरस और उससे पैदा होने वाली बीमारी कोविड 19 का खतरा लगातार बढ़ता नजर आ रहा है।देश के 27 राज्यों में कोरोना वायरस फैल चकुा है। वायरस के रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए अधिकांश स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी देखी जा सकती है। हालांकि, पुरानी दिल्ली के कुछ इलाकों में लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए बकायदा अर्ध सैनिक बल तैनात किए गए हैं। यहां लगभग हर गली के बाहर अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी देखी जा सकती है।
चांदनी चौक के फराश खाना इलाके में एक परिवार को कोरोना वायरस के संदेह के चलते घर ही में क्वॉरेंटाइन किया गया है। एक स्थानीय निवासी हाजी इकबाल ने कहा, कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बार-बार चेतावनी देने के बावजूद फराश खाना में स्थानीय लोग आम दिनों की तरह ही व्यवहार करते रहे। दुकानों पर भीड़ रही, गली सड़कों पर भी खूब चहल-पहल देखी गई। यहां तक कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान भी लोग लगातार घरों से बाहर निकलते रहे। लोगों की लापरवाही और ऐसे व्यवहार के कारण यहां अर्धसैनिक बल लगाया जाना लाजमी है।
इस दौरान फराश खाना में कोरोना वायरस के संदेह में एक परिवार को क्वॉरेंटाइन किया गया है। यहां तैनात अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने कहा, यह इलाका दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है। यहां मकान एक दूसरे से सटकर कर बने हैं व गलियां काफी तंग है। ऐसी स्थिति में यदि यहां कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ तो जल्द ही बड़ी संख्या में अन्य लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा है। बावजूद इसके लोग यहां लॉकडाउन को लेकर गंभीर नहीं थे।
हालांकि, एक परिवार को क्वॉरेंटाइन किए जाने और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बाद इलाके में जबरदस्त सन्नाटा नजर आ रहा है। यहां केवल आवश्यक कार्यो के लिए ही इक्का-दुक्का लोग सड़कों और गलियों में नजर आए। किसी भी कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्ति को नाक और मुंह मास्क से ढकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
फतेहपुरी मस्जिद से महज कुछ कदमों की दूरी पर स्थित इस इलाके में अब बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। यहां वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से बंद करा दी गई है। सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं। मुख्य सड़क के अलावा प्रत्येक छोटी-बड़ी गली के बाहर भी पुलिस के साथ ही अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है ताकि लोग अनावश्यक रूप से घरों से बाहर ना निकलें।