लुधियाना-अमृतसर : दिल्ली अकाली दल द्वारा सजाए गए अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन जिसमें दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़ी संगत शामिल थी। आज जांच चौकी अटारी सरहद पर पूरी कागजी औपचारिकताएं करने के बाद पाकिस्तान जा पहुंचा। जहां पाकिस्तान बाशिंदों समेत सिख संगत ने बोले सोह निहाल के जयकारों के बीच जी आया नूं कहा। इससे पहले संगत को छोटे-छोटे समूहों में कस्टम और अन्य इमीग्रेशन के अधिकारियों द्वारा जांच-पड़ताल के बाद सरहद पार जाने की इजाजत दी गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरूनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व से संबंधित गुरूद्वारा नानक पियाओ दिल्ली से आरंभ हुआ नगर कीर्तन पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से गुजरता हुआ बीती रात सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में विश्राम करने के उपरांत आज सुबहसवेरे श्री अकाल तख्त साहिब से 5 प्यारों की अगुवाई में पाकिस्तान में अगले पड़ाव के लिए रवाना हुआ।
नगर कीर्तन के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को एक विशेष सोने की पालकी पर सुशोभित किया गया है। इस दौरान प्राचीन नगाड़ों के बीच फूलों की वर्षा की गई। यहां विशेष बात यह है कि अटारी बार्डर से पाकिस्तान में एंट्री से पहले नगर कीर्तन के मार्ग को फूलों से सजाया गया है। नगर कीर्तन की पाकिस्तान रवानगी को लेकर यहां संगत में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इससे पहले श्री हरमंदिर साहिब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से नगर कीर्तन के स्वागत के लिए रेड कारपेट बिछाया गया। रवानगी के समय भी श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने रेड कारपेट बिछाई। टाउन हॉल में महिला पुलिस की एक टुकड़ी ने नगर कीर्तन को सलामी दी।
पाकिस्तान जा रहे जत्थे के साथ 1250 श्रद्धालु जा रहे हैं। 90 श्रद्धालु पाकिस्तान में नगर कीर्तन के प्रबंधों का जायजा लेने के लिए पहले भेज दिए गए हैं। नगर कीर्तन में अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरिंदर सिंह, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान, दल खालसा के कंवरपाल सिंह बिट्टू और कार सेवा वाले बाबे भी मौजूद थे।
नगर कीर्तन रवाना होने से पहले श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को उठाकर पालकी साहिब में सुशोभित किया। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास की और बस में सोने की बनाई पालकी को सुशोभित किया। इस पालकी को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में सुशोभित किया जाना है।
– सुनीलराय कामरेड