पंजाब में आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर बना दुनिया का विलक्षण अजायब घर ‘विरासत -ए-खालसा’ एशिया में सबसे अधिक देखे जाने वाला पवित्र स्थल है जिसका नाम ‘एशिया बुक ऑफ रिकार्ड’ में दर्ज हो गया है।
यह जानकारी आज यहां पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने दी। उन्होंने बताया कि गिनीज बुक ऑफ रिकार्डत्र ने इसकी पुष्टि की है कि समूचे एशिया में इस अजायब घर को एक दिन में सबसे अधिक सैलानियों ने देखा। विरासत-ए-खालसा में गत 20 मार्च को 20569 सैलानियों ने दर्शन किये थे।
उन्होंने बताया कि वास्तव में इस साल विरासत-ए-खालसा ने तीसरा रिकॉर्ड बनाया है जो ‘लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड-फरवरी 2019 एडिशन’ और ‘इंडिया बुक ऑफ रिकार्डत्र-2020 एडिशन’ के बाद दर्ज किया गया है।
इसकी शानो-शौकत के बारे में उन्होंने बताया कि पंजाब और सिख के गौरवशाली तथा अतुल्य इतिहास और संस्कृति की यादगार के तौर पर बनाए गए ‘विरासत-ए-खालसा’ के दर्शन करने वालों की संख्या पिछले साढे सात सालों में एक करोड़ को पार कर चुकी है।
उनके अनुसार यह लाखों-करोड़ लोगों के लिए आकार्षण का केंद, बना हुआ है। देश -विदेश के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों का विरासत-ए-खालसा के दर्शन के लिए आना गर्व की बात है जिस कारण अजायब घर पूरे महाद्वीप में प्रसिद्ध होता जा रहा है। विरासत-ए-खालसा वास्तुकारों और छात्रों के लिए केस-स्टडी का विषय बन गया है।
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव विकास प्रताप ने बताया कि विरासत-ए-खालसा ने कई अन्य पक्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। पंजाब ऊर्जा विकास एजंसी (पेडा) द्वारा आयोजित करवाए गए ‘स्टेट लेवल एनर्जी कंत्ररवेशन अवार्ड’ मुकाबलों में बिजली के सभ्य प्रयोग पर बेहतर प्रबंधन के लिए विरासत-ए-खालसा ने दूसरा इनाम प्राप्त किया है।