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भाजपा का दावा ,अर्थव्यवस्था खराब होने के बाद भी देश में 80 करोड़ गरीबों को मिल रहा मुफ्त खाद्यान्न

कोरोना वायरस महामारी के बाद दुनियाभर में अर्थव्यवस्था की खराब हालत का जिक्र करते हुए भारती जनता पार्टी (भाजपा) ने आज दावा किया कि इस हालात में भी मोदी सरकार 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दे रही है।

कोरोना वायरस महामारी के बाद दुनियाभर में अर्थव्यवस्था की खराब हालत का जिक्र करते हुए भारती जनता पार्टी (भाजपा) ने आज दावा किया कि इस हालात में भी मोदी सरकार 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दे रही है।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मुफ्त योजनाओं (फ्रीबीज़) को लेकर विपक्ष शासित राज्य सरकारों पर निशाना भी साधा और सरकारों पर बढ़ते कर्ज तथा मुद्रास्फीति बढ़ने के पीछे इसे एक वजह बताया।
लोकसभा में नियम 193 के अधीन ‘मूल्यवृद्धि’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जिन हालात में देश की बागडोर संभाली थी और आज कोविड के बाद दुनिया की जो स्थिति है, उसके बाद भी गरीबों को ‘‘दो वक्त की रोटी’’ मिल रही है जिसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया जाना चाहिए।
किसानों की आत्महत्या का विषय सदन में एक भी बार नहीं उठा
दुबे ने कहा कि कोविड के बाद अनेक देशों की हालत खराब है, सभी जगह रोजगार छिन रहे हैं और मुद्रास्फीति बढ़ रही है, उस स्थिति में भी यह देश बदल रहा है, खुश है और यहां गांव, गरीब, आदिवासी किसान को सम्मान मिल रहा है।
उन्होंने दावा किया कि इस सरकार के आने से पहले सदन में किसानों की आत्महत्या के विषय पर कई बार बात होती थी लेकिन पिछले आठ साल में किसानों की आत्महत्या का विषय सदन में एक भी बार नहीं उठा क्योंकि इस सरकार ने किसानों को ताकत दी है और वे आत्महत्या करने को मजबूर नहीं हो रहे हैं।
दुबे ने विपक्ष पर और खासतौर पर कांग्रेस पर, ‘मोदीफोबिया’ से ग्रसित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल की न कोई वैचारिक प्रतिबद्धता है और न जनता के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी।उन्होंने एक खबर के हवाले से दावा किया कि 2011 से लेकर 2014 तक भी बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 1,000 से अधिक थी।
कांग्रेस नेता बताएं कि किन अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए किया 
दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने केवल जनता को मूर्ख बनाने, वोटबैंक की राजनीति के लिए ऑइल (तेल) बांड जारी किये। जिसके एवज में 2020 के बाद से 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक भारत सरकार को लौटाना पड़ रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि जिन्होंने तेल बांड लिया, सभी बड़े कॉर्पोरेट घराने हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता बताएं कि किन अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया?’’
दुबे ने कहा कि आज जब रूस-यूक्रेन युद्ध तथा अन्य कारणों से पूरी दुनिया में गेहूं का उत्पादन एक प्रतिशत कम हो गया है, धान का उत्पादन 0.5 प्रतिशत कम हो गया और चीनी का उत्पादन भी गिर गया है, तब भी भारत एक ऐसा देश है जो इन सभी चीजों का निर्यात कर रहा है।उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम मार्च महीने से जुलाई में घट गये हैं, इसके लिए सरकार को बधाई दी जानी चाहिए।
मुफ्त की योजनाओं के बाद देश की अर्थव्यवस्था कहां पहुंचेंगी
दुबे ने पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे कई विपक्ष शासित राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि कर्ज लेकर मुफ्त की चीजें (फ्रीबीज) बांटने के कारण आज अर्थव्यवस्था की ऐसी हालत है। उन्होंने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक इन राज्यों को पैसा देने को तैयार नहीं है।
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उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्त की योजनाओं के बाद देश की अर्थव्यवस्था कहां पहुंचेंगी। इससे मुद्रास्फीति बढ़ती है। वोट के लिए, सरकार के लिए क्या हो रहा है। अगली पीढ़ी के लिए क्या होगा।’’उन्होंने कहा कि भाजपा मुफ्त चीजों की बात नहीं करती क्योंकि ‘‘हम चुनाव जीतने के लिए नहीं सोचते। हम देश के लिए सोचते हैं।’’ उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस विषय पर श्वेतपत्र जारी करने का अनुरोध किया कि किस तरह कर्ज लेकर मुफ्त की योजना चलाई जाती हैं।

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