पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम धीरे-धीरे सामने आ रहे है। ऐसे में प्रदेश की सत्ता में बैठी भारतीय जनता (भाजपा) को शुरूआती रूझानो में बढ़त हासिल हो रही है। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दबदबा कायम रखा हुआ है और उसके उम्मीदवार उशम देबेन सिंह ने बाब्गई निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 50 मतों के अंतर से हरा दिया है।
निर्वाचन अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। तीन सीटों पर आगे चल रही जनता दल (यूनाइटेड) ने भी अपना खाता खोला है और उसके प्रत्याशी एन सानाटे ने तिपाईमुख निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मंत्री चलतोन लीन आमो को 1,249 मतों के अंतर से हराया।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा 19 सीटों पर आगे चल रही है
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा 19 सीटों पर आगे चल रही है और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हींनगांग सीट पर जीत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। वह कांग्रेस के अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी से 18,000 से अधिक मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस अभी महज तीन सीटों पर आगे चल रही है। नेशनल पीपल्स पार्टी चार सीटों पर जबकि नगा पीपुल्स फ्रंट सात सीटों पर आगे चल रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य की 60 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव की मतगणना कड़ी सुरक्षा एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से शुरू हुई। अभी तक 41 निर्वाचन क्षेत्रों के रुझान ही उपलब्ध हुए हैं।
भाजपा ने दिया गठबंधन करने का संकेत
मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा के भारी मतों से जीतने की संभावनाओं के बीच पार्टी की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए शारदा देवी ने गुरुवार को संकेत दिया कि भाजपा उसे समर्थन देने की इच्छा रखने वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है। हालांकि राज्य नेतृत्व के साथ संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पहले पूरी तरह से फैसला आने दीजिए, इसके बाद हम निर्णय लेंगे
सुश्री शारदा ने कहा, ‘‘पहले पूरी तरह से फैसला आने दीजिए। इसके बाद हम निर्णय लेंगे और जो भी करने की आवश्यकता है उसे करेंगे।’’ उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई कि पार्टी मणिपुर को एक स्थिर सरकार देने के अपने लक्ष्य को जरूरी पूरा करेगी। नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) पहले ही कह चुकी है कि वह सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन करने के लिए तैयार है, लेकिन अंतिम निर्णय चुनाव परिणामों के आधार पर लिया जाएगा।
भाजपा ने समर्थन देने की चाह रखने वाली पार्टियों को कभी नजरअंदाज नहीं किया
मणिपुर में पांच साल गठबंधन सरकार चलाने के बाद भाजपा ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ना तय किया और सभी 60 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे। जहां नेताओं ने लोगों से उन्हें भारी मतों से जिताने की अपील की थी। सुश्री शारदा ने यह भी बताया कि भाजपा ने समर्थन देने की चाह रखने वाली पार्टियों को कभी नजरअंदाज नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन राष्ट्रीय स्तर की एक पार्टी होने की वजह से पार्टी के आलाकमान हमारे साथ विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लेंगे। एक बार फैसला आने के बाद संसदीय बोर्ड राज्य के मंत्रियों के साथ इस पर एक बैठ करेगा और फिर निर्णय लिया जाएगा।’’