सड़को पर देर तक बसों का इंतजार करने वाले लोगों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। राजधानी की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने और यहां की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने करीब चार हजार बसें लाने की तैयारी कर ली है। इनमें एक हजार बस डीटीसी के लिए, एक हजार बसें कलस्टर सेवा के लिए, दिल्ली के पर्यावरण के लिए अनुकूल एक हजार ई-बसें और 905 मेट्रो फीडर बसें होंगी। इनमें से ई-बसें मार्च 2019 तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने लगेंगी।
दिल्ली विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का उद्देश्य है कि लोग अपना वाहन छोड़कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उपयोग करें। इसके मद्देनजर सरकार डीटीसी के बेड़े में एक हजार स्टैंडर्ड फ्लोर बसें शामिल करेगी। इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 150 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जबकि इस काम के लिए 2012-13 में 199.55 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित हो चुके हैं। वहीं डिम्टस के तहत चलने वाले क्लस्टर बेड़े में भी एक हजार अतिरिक्त बसें जोड़ी जाएंगी।
इसके लिए वित्तवर्ष 2018-19 में 450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सिसोदिया ने कहा कि सरकार पर्यावरण के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ई-बसें चलाएगी। इसके लिए सरकार ने रूपरेखा तैयार कर ली है। आगामी एक जून तक इनके लिए सलाहकार नियुक्त कर लिया जाएगा। 31 अगस्त तक कंपनियों से निविदाएं मंगा ली जाएंगी। 25 सिंतबर तक निविदाएं खोल ली जाएंगी और 15 नवंबर तक कंपनियों का चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद चयनित कंपनियों को मांगपत्र जारी कर दिया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि मार्च 2019 तक ई-बसें सड़कों पर चलने लगें।
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