कोलंबो : प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आज कहा कि राष्ट्रीय एकता सरकार में वह प्रधानमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने स्थानीय परिषद चुनावों में मिली चुनावी शिकस्त के बाद पार्टी नेतृत्व छोड़ने के लिए पड़ रहे दबाव से सहमत नहीं होते हुए यह कहा। दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की नयी पार्टी – श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) द्वारा मौजूदा राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी और यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) को हराने के बाद विकम्रसिंघे की पार्टी यूएनपी संकट में घिर गई। राजपक्षे की पार्टी ने शनिवार को 340 स्थानीय परिषदों में हुए चुनाव में 225 में जीत दर्ज की।
एसएलपीपी ने 225 परिषदों में जीत हासिल की। राजनीतिक गतिरोध के बादa पहली बार संवाददाताओं से बात करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘जहां तक मेरी बात है मैं प्रधानमंत्री बना रहूंगा।’’ एकता सरकार के एक धड़े द्वारा विक्रमसिंघे की जगह निमल सिरीपाला डी सिल्वा को प्रधानमंत्री बनाए जाने की कोशिशों के बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आई है। विक्रमसिंघे को पद से हटाने के कदम का राजपक्षे धड़े का कथित समर्थन प्राप्त है।
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