नई दिल्ली : सरकार ने पूंजी के अभाव से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र के 20 बैंकों में 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की। इसमें सबसे ज्यादा 10,610 करोड़ रुपये की पूंजी आईडीबीआई बैंक को दी जायेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने को लेकर विस्तृत विचार विमर्श के बाद योजना तैयार की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.1 लाख करोड़ रुपये की नई पूंजी डालने की योजना पिछले साल अक्तूबर में घोषित की गई थी। इस योजना का क्रियान्वयन दो वित्त वर्षों 2017-18 और 2018-19 में किया जायेगा। जेटली ने यह घोषणा करते हुये कहा कि बैंकों की संचालन व्यवस्था उच्च मानकों वाली बनाने के लिये कदम उठाने की जरूरत है। बैंकों की पिछली स्थिति नहीं दोहराई जाये यह सुनिश्चित करने के लिये संस्थागत प्रणाली की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि में एक बड़ी समस्या विरासत में मिली और हम इस समस्या का हल ढूंढने में लगे रहे। उन्होंने आगे कहा कि हमारी भूमिका न निदान तलाशने तक रही बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिये की जो कुछ पहले घटित हुआ वह दुबारा नहीं हो इसके लिये एक संस्थागत प्रणाली तैयार की जाये। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में बड़ी राशि फंसी हुई है। इसका उनके प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ा है। यही वजह है कि उन्हें नई पूंजी की जरूरत पड़ी है।
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