नई दिल्ली: पतंजलि योगपीठ का 23वां स्थापना दिवस शुक्रवार को पतंजलि योगपीठ परिसर हरिद्वार स्थित सभागार में मनाया गया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने नैपथ्य में पहुंच चुकी प्राचीन विधाओं योग और आयुर्वेद को नया आकार देकर विश्वपटल पर पुनः स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। 23 वर्षों की सम्पूर्ण गौरवयात्रा को बताते हुए कहा कि अभावों तथा विषमताओं के मध्य हमारा आंदोलन एक आदर्श बनकर पूरे विश्व के सामने खड़ा है। बाबा रामदेव ने कहा कि स्वप्न सभी देखते हैं किन्तु उन्हें आकार प्रदान कर साकार करने की क्षमता हर किसी में नहीं है।
यदि मूल्यांकन करें तो इस अनुष्ठान में हमारे करोड़ों कार्यकर्ताओं, साधकों तथा कर्मचारियों ने अपनी आहुतियां दी हैं। पतंजलि के साथ ट्रस्ट का दूसरा अर्थ भरोसा है। हमने लोगों के भरोसे के साथ विज्ञान व पुरातन आहुतियां दी हैं। पतंजलि के साथ ट्रस्ट का दूसरा अर्थ भरोसा है। हमने लोगों के भरोसे के साथ विज्ञान व पुरातन संस्कृति को जोड़ा है। जो स्वदेशी को हीन दृष्टि से देखते थे, वे आज स्वदेशी कहलाने में गौरव अनुभव करते हैं। हमें गर्व है कि दुनिया का सबसे बड़ा फूड पार्क पतंजलि योगपीठ ने स्थापित किया है।
पंतजलि स्वदेशी आंदोलन के विषय में स्वामी जी ने बताया कि 15 अगस्त को हमने सवा करोड़ लोगों को पूर्ण स्वदेशी का संकल्प दिलाया तथा आगे 5 करोड़ लोगों को यह संकल्प दिलाएंगे। उन्होंने बताया कि पतंजलि 11 हजार करोड़ की चैरिटी कर चुका है तथा भविष्य में एक लाख करोड़ की चैरिटी करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि 10 से 15 वर्षों में पतंजलि नालंदा व तक्षशिला से बड़ा शिक्षा केन्द्र बनेगा जहां एक लाख विद्यार्थी एक साथ शिक्षा पा सकेंगे। इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद कालेज के छात्र-छात्राओं के लिए यह स्थापना दिवस एक प्रेरणा दिवस बन सकता है।
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