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गुलशन कुमार हत्याकांड में बॉम्बे HC का फैसला, रऊफ मर्चेंट की सजा रहेगी बरकरार

गुलशन कुमार हत्याकांड मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अब्दुल रऊफ की सजा को बरकरार रखा गया है। अब्दुल रऊफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी है।

टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार हत्याकांड मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाई कोर्ट ने गुलशन कुमार हत्या मामले में अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा गया है। अब्दुल रऊफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी है। उसे सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने साफ कहा कि अब्दुल रऊफ किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है क्योंकि वह पहले भी पैरोल के बहाने बांग्लादेश भाग गया था। जबकि रमेश तौरानी को लेकर राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी है। 
इसके अलावा, एक अन्य आरोपी अब्दुल राशिद, जिसे पहले सत्र अदालत ने बरी कर दिया था, उसको भी कोर्ट ने दोषी ठहराया है। गुलशन कुमार को 16 गोलियां मारी गई थीं जिसके बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं कुछ पर मुकदमे चल रहे हैं। जस्टिस जाधव और जस्टिस बोरकर ने  ने याचिका पर फैसला सुनाया। अब्दुल रऊफ को गुलशन कुमार हत्या के केस में दोषी ठहराया था। अप्रैल 2002 में उसे उम्रकैद की सजा मिली थी। फिर 2009 में वह पैरोल लेकर बाहर आया और बांग्लादेश भाग गया था। फिर बाद में उसे बांग्लादेश से भारत लाया गया था। 
गुलशन कुमार से जुड़ी कुल चार याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट में आई थीं। इसमें तीन अपील अब्दुल रऊफ, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने  खिलाफ थीं। वहीं अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी। यह बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। हालांकि कोर्ट ने तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दिया।  उनपर हत्या के लिए उकसाने का का आरोप था, जिससे उनको बरी कर दिया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बाकी दोषियों की अर्जियों को आंशिक रूप से सुनने की बात कही है। 
गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 को मुंबई में एक मंदिर के बाहर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वह पूजा कर मंदिर से बाहर आ रहे थे। तभी अचानक बाइक सवारों ने उनपर ताबड़तोड़ 16 गोलियां दाग दीं। मौके पर ही गुलशन कुमार की मौत हो गई थी। उनकी हत्या की खबर फैलते ही पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी।

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