निर्भया गैंगरेप मामले में एक बार फिर दोषियों के डेथ वॉरेंट पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी। इसके साथ ही दोषियों की फांसी लगातार पर तीसरी बार रोक लगी। दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट याचिका दाखिल कर कहा कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है।
इससे पहले निर्भया मामले के दोषी अक्षय कुमार और पवन गुप्ता की डेथ वारंट पर रोक लगाने वाली याचिका को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज की थी। जिसमें दोषी पवन ने घटना के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था।
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गौरतलब है कि तीन मार्च यानी मंगलवार को सुबह 6 बजे चारों दोषियों -अक्षय सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और मुकेश कुमार को फांसी दी जानी थी। लेकिन एक बार फिर कोर्ट ने डेथ वॉरेंट पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। मामला दिसंबर 2012 में राष्ट्रीय राजधानी में एक 23 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या से संबंधित है। इस मामले में एक किशोर सहित 6 लोगों को आरोपी बनाया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले में मुकदमा शुरू होने के बाद तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।