मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर सभी पार्टियों की तैयारियां पूरे जोरों पर है। हालांकि चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन सत्ताधारी बीजेपी को इन चुनावों में हराने के लिए कांग्रेस पूरा दमखम लगा रही है। उपचुनावों की तैयारियों में सबसे ज्यादा दम कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया लगाते नजर आ रहे है।
उनका ध्यान ग्वालियर-चंबल इलाके की सीटों पर ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस ने हाल के दिनों में राजस्थान में अपने बगावती तेवर से चर्चा में आए तेज-तर्रार नेता सचिन पायलट को इन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए उतारने की योजना बनाई है। सचिन पायलट को मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार में उतारने के पीछे कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट एक-दूसरे के दोस्त रहे हैं। पायलट ने जब राजस्थान में बगावती तेवर दिखाए थे, तो सिंधिया ने उनके समर्थन में बयान भी दिया था।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जिन 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, उनमें से अधिकतर सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की हैं, जिसे सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र वाला माना जाता है। इसी साल मार्च में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार से समर्थन वापस लिया और बीजेपी में शामिल हुए, उस समय सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दिया था। इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी थी।
बता दें, सचिन पायलट ने बीते दिनों मीडिया के साथ बातचीत में कहा था कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे उपचुनाव में प्रचार करने का आग्रह किया है। पायलट ने कहा कि वे पार्टी के लिए निश्चित रूप से यह काम करेंगे।