रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार की मोबाइल वितरण योजना लांच होने के बाद चुनावी होड़ मच गई है। विभिन्न जिलों में कार्यक्रमों के जरिए मुफ्त मोबाइल बांटने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस मामले में नीतियों पर रमन सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर भी है। वहीं इसे रमन सरकार की नि:शुल्क चल रही कई योजनाओं में एक तरह ब्रम्हाष्त्र के तौर पर माना जा रहा है। हालांकि सरकार ने नए सिरे से इस मामले में कवायदें तेज की है। मोबाईल वितरण के लिए सरकार ने लक्ष्य भी तय कर लिया है।
चुनाव आचार संहिता लगने से पहले सभी जिलों में चयनित हितग्राहियों को वितरण की तैयारी हो रही है। इधर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रमन सरकार मुफ्त मोबाइल बांटकर चुनावी फायदे लेने की जुगाड़ में है। वहीं सत्ताधारी दल और सरकार की ओर से चिन्हित हितग्राहियों को मोबाइल उपलब्ध कराकर सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने की चर्चा हो रही है। प्रदेश में युवा मतदाताओं को साधने के लिए सरकार कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य में बड़ी आबादी को अपने पाले में लाकर चुनावी लक्ष्य को हासिल कर लेने की रणनीति है।
रमन सरकार की मुफ्त चावल योजना के अलावा अन्य योजनाओं से सरकार को बीते चुनाव में सीधा फायदा मिला था। इस बार भी मुफ्त मोबाइल निर्णायक साबित हो सकते हैं। राज्य की करीब डेढ़ करोड़ की आबादी में से पचास लाख मतदाताओं को सीधे सरकार खुद से जोड़कर अपनी राह आसान कर रही है। हालांकि विपक्ष ने मोबाइल की गुणवत्ता का मामला उठाकर सवालिया निशान लगाए हैं। इसके बावजूद योजना के जरिए वितरण के साथ इसे चुनावी फायदे की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है। चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने से पहले सरकार की कोशिश इसे सभी जिलों में पात्र हितग्राहियों को वितरित कर देने की नजर आ रही है।