23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि रक्षा मंत्रालय के इतिहास प्रभाग द्वारा दशकों पहले आजाद हिंद फौज को लेकर तैयार की गई किताब को सार्वजनिक किया जाए।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि इस किताब का संपादन इतिहासकार पी सी गुप्ता ने किया था और अब तक इस किताब का विमोचन नहीं हुआ क्योंकि पूर्व की संप्रग सरकार और मौजूदा एनडीए सरकार ने इसे प्रकाशित करने की कोई पहल नहीं की। उन्होंने दावा किया कि नेताजी से संबंधित कई फाइलें प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय के पास ही पड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने इस मुद्दे को कई बार राज्य सभा में भी उठाया है।’’ रॉय ने यह भी कहा, ” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सरकार के पास उपलब्ध नेताजी से संबंधित सभी दस्तावेज जारी कर चुकी हैं।’’ आजाद हिंद फौज को लेकर रक्षा मंत्रालय की पांडुलिपि के बारे में उन्होंने कहा कि हरियाणा के चंद्रचूड़ घोष नाम के एक व्यक्ति ने इस संबंध में 2009 आरटीआई दाखिल की थीं, जिस पर भारत के मुख्य सूचना आयुक्त ने इसका विमोचन करने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बाद तत्कालीन संप्रग सरकार का कहना था कि विमोचन से पहले किताब में और जानकारियों जोड़ी जाएंगी। लेकिन इस प्रस्ताव को हाई कोर्ट की एक पीठ ने खारिज कर दिया और आदेश दिया कि किताब का विमोचन मूल रूप में किया जाए। राज्य सभा सांसद ने कहा, ‘‘इसके बाद सरकार खंड पीठ के पास गई और मामला अभी लंबित है।’’ उन्होंने कहा कि इस किताब में 186 से 191 पृष्ठों के बीच यह कहा गया है कि नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी।