चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत पांच विधायकों की सदस्यता रद कर दी है। इन विधायकों में नैना चौटाला, राजदीप फौगाट, अनूप धानक, पिरथी नम्बरदार और नसीम अहमद शामिल हैंं। बता देें, यह सभी इनेलो के विधायक थे, लेकिन बाद में इनमें से चार ने जेजेपी और एक ने कांग्रेस ज्वाइन कर दी थी। हालांकि दल-बदल के आरोपों का सामना कर रहे इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के चार विधायकों नैना चौटाला, राजदीप फौगाट, अनूप धानक तथा पिरथी सिंह नंबरदार ने विधानसभा की सदस्यता से कुछ दिन पूर्व इस्तीफा दे दिया था।
स्पीकर कंवर पाल गुर्जर ने इस्तीफे स्वीकार करते हुए दल-बदल मामले में सुनवाई की और दोनों पक्षों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। चारों विधायक दल-बदल मामले में सुनवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश हुए थे। स्पीकर ने जब विधायकों से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा, वे तो पहले ही अपना इस्तीफा दे चुके हैं। अब वे विधायक नहीं रहे। ऐसे में इस केस का भी कोई औचित्य नहीं।
इस पर स्पीकर ने कहा, जिस समय याचिका दायर हुई उस समय वे विधायक थे। ऐसे में उस स्थिति के हिसाब से अपना जवाब दें। विधायकों ने अभय द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने दोटूक कहा कि इनेलो नहीं छोड़ी है। न ही उन्होंने जजपा की सदस्यता ग्रहण की है। वैचारिक तौर पर किसी पार्टी की नीतियों का समर्थन करना दल-बदल नहीं हो सकता। आरोप है कि चारों विधायक इनेलो से इस्तीफा दिए बगैर ही जजपा के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे।
इसके चलते इनेलो विधायक रामचंद्र कांबोज ने स्पीकर के समक्ष याचिका दायर करके चारों विधायकों के खिलाफ दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। बाद में रामचंद्र कांबोज भी अन्य साथियों की तरह भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद अभय चौटाला खुद आगे आए और चारों विधायकों के खिलाफ नए सिरे से याचिका दायर की। अभय ने चारों विधायकों द्वारा जजपा के मंच पर दिए गए भाषणों की सीडी, समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरें स्पीकर को दी थी।
अब इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला के साथ सिर्फ दो विधायक लोहारू से ओमप्रकाश बरवा और बरवाला से वेद नारंग बचे हैं। वहीं, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के उस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है, जिसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता विपक्ष चुना गया है।