प्रसिद्ध आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोशी को प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वे पहले भारतीय भी हैं। उन्हें यह पुरस्कार मई के महीने में टोरंटो में दिया जाएगा। प्रित्जकर पुरस्कार आर्किटेक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वालों को दिया जाता है। इसे आर्किटेक्चर का नोबेल भी कहा जाता है। आपको बता दे कि इससे पहले जाहा हदिद, फ्रेंक गेहरी, आईएम पेई और शिगेरु बान जैसे विश्व प्रसिद्ध आर्किटेक्ट भी इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।
कोविंद ने ट्वीट करके यह बधाई दी। राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में कहा,” कलात्मक समझ और कम लागत वाले आवास के निर्माण के प्रयासों में डॉ दोशी के योगदान पर हमें गर्व है।”
Congratulations to Balkrishna Doshi for becoming the first Indian to be awarded the Pritzker Prize, the premier global award for architecture. Dr Doshi’s contributions to our cityscape, our sense of aesthetics and to low-cost housing efforts make us proud #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 8, 2018
प्रित्जकर की ज्यूरी का कहना है कि सालों से बालकृष्ण दोशी ने एक ऐसा आर्किटेक्ट बनाया है जो गंभीर, गैर-आकर्षक और ट्रेंड्स को फॉलो नहीं करते हैं। उनके अंदर अपने देश और लोगों के जीवन में योगदान देने की इच्छा होने के साथ ही जिम्मेदारी की गहरी समझ है। उच्च गुणवत्ता, प्रामाणिक वास्तुकला के जरिए उन्होंने सार्वजनिक प्रशासन और उपयोगिताओं, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान और रिहायशी और प्राइवेट क्लांइट्स और दूसरी इमारते बनाई हैं।
मुंबई के प्रतिष्ठित जेजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से पढ़ाई करने वाले दोशी ने वरिष्ठ आर्किटेक्ट ले कॉर्ब्यूसर के साथ पेरिस में साल 1950 में काम किया था। उसके बाद वह भारत के प्रोजेक्ट्स का संचालन करने के लिए वापस देश लौट आये। उन्होंने साल 1955 में अपने स्टूडियो वास्तु-शिल्प की स्थापना की और लुईस काह्न और अनंत राजे के साथ मिलकर अहमदाबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कैंपस को डिजायन किया।
इसके बाद उन्होंने आईआईएम बंगलूरू और लखलनऊ, द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, टैगोर मेमोरियल हॉल, अहमदाबाद का द इंस्टिट्यूट ऑफ इंडोलॉजी के अलावा भारत भर में कई कैंपस सहित इमारतों को डिजायन किया है। इसमें कुछ कम लागत वाली परियोजनाए भी शामिल हैं। पुरस्कार लेने के लिए दोशी मई में टोरोंटो जायेंगे और वहां वह एक लेक्चर भी देंगे।
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