आतंकवाद को सभी समस्याओं की जड़ बताते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि इस बुराई को राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल किये जाने का दौर अब बीत गया है। श्रीमती स्वराज ने यहां रायसीना डॉयलॉग में अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब आतंकवाद को अन्य लोगों की समस्या या कानून व्यवस्था के मामले के रूप में देखा जाता था। उन्होंने कहा कि अब कट्टरपन के रूप में बड़ चुनौती सामने आ रही है। उन्होंने आतंकवाद से कतई समझौता नहीं करने की नीति की वकालत की।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से सभी समाजों के लिये खतरा पैदा कर दिया है। डिजीटल युग में यह चुनौती और गंभीर हो गयी है, हालांकि पुरानी धारणाओं एवं मानसिकताओं में 11 सितंबर 2001 के न्यूयार्क के हमले के बाद बदलाव आया है, लेकिन अब भी कुछ लोग आतंकवाद को शासन के बाहर के दायरों से जोड़ कर देखते हैं। आईएसआईएस इसी का एक उदाहरण है। यह हमारे देशों के व्याप्त आतंकवाद से अधिक खतरनाक है।
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