उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ फैले हिंसा को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना ने ‘सामना’ में लिखा है कि जब दिल्ली जल रही थी, लोग जब सीएए को लेकर आक्रोश व्यक्त कर रहे थे तब गृहमंत्री अमित शाह कहां थे? क्या कर रहे थे?
शिवसेना ने कहा कि दिल्ली के हिंसा में अब तक 37 लोगों की बलि चढ़ गई है और सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा यदि केंद्र में कांग्रेस अथवा दूसरे गठबंधन की सरकार होती तथा विरोधी सीट पर भाजपा का महामंडल होता तो दंगों के लिए गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा गया होता। शिवसेना ने सामना में लिखा जब दिल्ली जल रही थी गृह मंत्री कहां थे? दंगे के समय आधा मंत्रिमंडल अहमदाबाद में था।
वे राष्ट्रपति ट्रंप को नमस्ते, नमस्ते साहेब कर रहे थे। उन्होंने कहा दिल्ली हिंसा के 3 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिंसा के 4 दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लोगों के बीच गए। इससे क्या होगा? जो नुकसान होना था पहले ही हो चुका था। अमित शाह को निशाने पर रखते हुए सामना में लिखा गया कि देश को मजबूत गृह मंत्री मिला है लेकिन वे इस हिंसा के दौरान दिखे नहीं।
CAA हिंसा : उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अब हालात सामान्य, जुम्मे के मद्देनजर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कायम
उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष इस पर सवाल उठाएगा तो क्या उन्हें देशद्रोही ठहराया जाएगा? शिवसेना ने कहा कि 24 घंटे में जस्टिस मुरलीधर के तबादले का आदेश निकल गया। सरकार ने न्यायालय द्वारा जारी किये गए ‘सत्य’ को मार दिया। शाहीन बाग का मामला इतने दिनों से चलते आ रहा है लेकिन अभी भी सरकार खत्म नहीं कर सकी और न ही इस पर रोक लगा पाई।
मुखपत्र में लिखा गया कि भड़काऊ भाषण ही अब राजनीति में निवेश बन गए हैं। अर्थव्यवस्था धाराशायी हो गया है लेकिन भड़काऊ भाषण का बाजार लगातार गर्म है। बता दें शिवसेना अपने मुखपत्र के जरिये लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहती है।