पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) आईएसआई ने भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का जाल बिछाया था, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम हो गई। टेलीजेंस सूत्रों की मानें, तो ISI भारतीय अधिकारियों को सॉफ्ट टारगेट बनाने की कोशिश कर रहा है। आईएसआई के निशाने पर आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवान हैं।
जानकारी के मुताबिक ढाका में मौजूद पाकिस्तान के अधिकारियों को भारतीय अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने का टास्क दिया गया है। इस टास्क में पाकिस्तान के कर्नल अख्तर हामिद भी शामिल हैं। जो ढाका में पाकिस्तान उच्चायुक्त में तैनात हैं। इनके निशाने पर ढाका में ट्रेनिंग ले रहे 40 भारतीय अफसर हैं। इसी सप्ताह तीनों अधिकारियों ने आईएसआई की इस साजिश के बारे में विभाग को जानकारी दी। फिलहाल इन अधिकारियों से पूछताछ चल रही है।
भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि तीनों अधिकारियों की ओर से अभी तक किसी भी अप्रिय हलचल की जानकारी नहीं मिली है। तीनों अधिकारी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। अधिकारियों को किसी भी लिहाज से संदिग्ध नहीं माना जा रहा है। पाकिस्तान की भारत के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को हासिल करने की यह चाल नाकाम साबित हो गई क्योंकि भारत को पहले ही इसका अंदेशा हो गया था।
फ़िलहाल अधिकारियों को पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से किसी भारतीय अधिकारी को फंसाने के लिए इस ट्रिक का इस्तेमाल थोड़ा चौंकाने वाला जरूर है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की इस हरकत का अंदेशा होते ही भारतीय अधिकारियों ने तुरंत भारत में अपने वरिष्ठ साथियों को आगाह कर दिया। इसके बाद भारत सरकार ने तुरंत ही तीनों अधिकारियों को दिल्ली वापस बुला लिया।
जब ISI की ओर से अधिकारियों को फंसाने की कोशिश गई थी, तभी उन्होंने इसको भांप लिया था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में इस बारे में जानकारी दी। जिसके बाद उन्हें हिंदुस्तान वापस बुला लिया गया था। खबर के मुताबिक, ये तीन अधिकारी पाकिस्तान में भाषा विभाग में काम करते थे।
अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ट्रांसलेट करने का काम दिया गया था। यही कारण था कि ISI इन पर लगातार डोरे डाल रही थी, और अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रही थी। ISI की प्लानिंग इन अधिकारियों की वीडियो बना इन्हें ब्लैकमेल करने की थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से भारतीय अधिकारियों पर कई दफा इस तरह का दबाव बनाने का मामला सामने आ चुका है।
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