भारत और चीन सीमा विवाद लेकर बढ़ते तनाव के बीच आज पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप औपचारिक रूप से वायु सेना के लड़कू विमानों के बेड़े में शामिल हो गया हैं। हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में यह विमान वायुसेना के गोल्डन एरो स्कवाड्रन का हिस्सा बना। इस दौरान वायु सेना प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए राफेल को वायुसेना में शामिल करने का इससे उपयुक्त समय नहीं हो सकता था।
उन्होंने कहा कि अंबाला में राफेल को बल में शामिल करना महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वायु सेना के इस अड्डे से महत्व वाले सभी क्षेत्रों में आसानी से पहुंचा जा सकेगा इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ खुद फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी मौजूद थी।
हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में पांच विमान वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा बने। ये विमान गत 27 जुलाई को भारत आये थे। इससे पहले सर्वधर्म पूजा की गई और रफाल ने भारत के अन्य लड़कू विमानों के साथ अपनी ताकत और जौहर का आसमान में प्रदर्शन किया।
समारोह में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ। अजय कुमार, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ। जी सतीश रेड्डी, रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे। भारत ने लगभग चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था।