वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने बताया कि कोयला क्षेत्र, मिनरल्स और स्पेस क्षेत्र को सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है। कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार समाप्त करने के उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए लगभग 50 कोयला प्रखंड पेश किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को कोयले का वाणिज्यिक उत्खनन करने के लाइसेंस राजस्व में हिस्सेदारी की व्यवस्था के तहत दिए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि निजी क्षेत्र को प्रति टन निर्धारित शुल्क की जगह राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी व्यवस्था के आधार पर कोयले का वाणिज्यिक उत्खनन का लाइसेंस दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए नीलामी में लगभग 50 कोयला प्रखंडों को पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि घटिया कोयले के आयात को कम करने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
इसके अलावा, सरकार कोयला खान क्षेत्र से बाहर पहुचाने के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिये 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण को राजस्व साझेदारी में छूट के माध्यम से प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोयला बेड मीथेन (सीबीएम) के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जायेगा।
इसके साथ ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को निजी क्षेत्र को उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवा कारोबार जैसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में भूमिका देने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी भागीदारी को बढ़ाने के लिये सरकार उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं में निजी कंपनियों के लिये बराबर के मौके प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार निजी कंपनियों के लिए विश्वसनीय नीति और विनियाम बनाएगी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को अपनी क्षमता में सुधार करने के लिये इसरो की सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जायेगी। ग्रहों की खोज और अंतरिक्ष पर्यटन की भविष्य की परियोजनाएं निजी क्षेत्र के लिये भी खुली होंगी। उन्होंने कहा कि एक उदार भू-स्थानिक डेटा नीति बनायी जाएगी। उसके तहत तकनीक पर केंद्रित उद्यमियों को दूरस्थ संवेदी डेटा सुलभ हो सकेगा।