चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से आगामी दो वर्षों के दौरान दो लाख युवाओं को नौकरियां प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सरकारी विभागों में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के रिक्त पदों के बैकलॉग को भरने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। मनोहर लाल यहां उनके आवास पर प्रदेश के सभी जिलों से आए पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ अपनी किस्म की पहली इंटरेक्टिव बैठक को संबोधित कर रहे थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री द्वारा इस ढंग से लोगों से बातचीत की गई है, जहां पर समाज के कल्याण के लिए उन लोगों सेसुझाव भी लिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीतियां और कार्यक्रम बनाते समय उनसे प्राप्त सुझावों पर विचार किया जाएगा। प्रतिनिधियों ने सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता, श्रेणी तीन और चार की नौकरियों में साक्षात्कार प्रणाली समाप्त करने और प्रशासन में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने सहित विभिन्न मामलों पर राज्य सरकार की सराहना भी की। राज्यसभा में राष्ट्रीय पिछड़े वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बिल को पास न होने देने के लिए कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ‘मुझे विश्वास है कि सरकार को उपरी सदन में समर्थन मिलेगा और इस बिल को पास किया जाएगा’। उन्होंने लोगों का आह्वान किया व कांग्र्रेस की इस ओबीसी विरोधी मानसिकता का भी खुलासा करें, जिसके कारण राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सका।
पिछड़े वर्गों के लोगों को मुख्य धारा में लाने की वचनबद्घता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वारा दिए गए अन्त्योदय के मंत्र पर कार्य कर रही है, जिसके अनुसार अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उदार सुनिश्चित किए बिना समृद्घ समाज के स्वप्न को साकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें भोजन, आश्रय, बच्चों को बेहतर गुणवक्ता की शिक्षा, सस्ती चिकित्सा सुविधाएं, कौशल विकास और रोजगार जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं देने का हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के लगभग 30 महीनों के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में सभी स्तरों पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को ऑनलाइन किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खाद्यान्न वितरण में बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। सरकार पीडीएस में ऑनलाइन प्रणाली लागू करने के उपरांत सरकार लगभग 20,000 मीट्रिक टन खाद्यान्न प्रतिमास की बचत करने में सफल हुई है। उन्होंने कहा कि आगामी मास में स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए प्रदेश में एक सर्वेक्षण करवाया जाएगा, जिसके आधार पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया जाएगा। उन्होंने लोगों से स्टीक सूचना देने का आग्रह किया ताकि पात्र लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए समाज के प्रबुद्घ लोगों और चयनित प्रतिनिधियों की सेवाएं भी ली जाएंगी।
अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को आईआईटी, एनआईटी और एमबीबीएस के लिए निशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जा रही है। इससे पूर्व केवल बैंकों में प्रोबेशन ऑफिसर के पद के लिए ही कोचिंग दी जा रही थी। इस समय इन कोचिंग कक्षाओं में अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्गों की श्रेणियों के 2000 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने ऋण के लिए प्रक्रिया को भी सरल किया है। अब लोग विभाग से ऋण प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस वैबसाइट का शीघ्र ही शुभारंभ करेंगे। हरियाणा पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के अध्यक्ष राम चन्द्र जांगड़ा ने कहा कि वर्ष 1980 में इस बोर्ड के गठन के बाद सोनीपत जिला में केवल 1 करोड़ का ऋण दिया गया।
(आहूजा)