पटना, 27 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि विपक्ष की भूमिका एक प्रहरी के रूप में सरकार को सजग करना है और आज मैं इसकी शुरूआत कर रहा हूं। उन्होंने इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस है तो आशा है कि उनकी कथनी और करनी में भी अंतर नहीं होगा।
पटना में भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में श्री सिन्हा ने कहा कि शुक्रवार को सदन में विशेष समिति की एक रिपोर्ट को उपस्थापित करने की मांग रखी, लेकिन उसे सदन पटल पर उपस्थापित नहंी किया गया। उन्होंने कहा कि 19 मार्च 2021 को बिहार विधानसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें उल्लेख था कि बिहार कौशल विकास मिशन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2016 से युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए नालेज पार्टनर के रूप में एमकेसीएल पुणे का चयन किया गया। इस कंपनी को प्रशिक्षण के बाद युवाओं को रोजगार की जानकारी के लिए प्लेसमेंट पोर्टल का प्रावधान करना था, लेकिन कंपनी की तरफ से तीन वर्ष तक प्लेसमेंट पोर्टल की व्यवस्था नहीं की गई। पोर्टल की व्यवस्था तो नहीं हुई लेकिन कंपनी ने सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए। उन्होंने कहा कि मेरे श्रम संसाधन मंत्री काल में जनवरी 2020 में पोर्टल खोला गया। संयोग से यह विषय में सदन में उठा और सदस्यों ने इस पर विशेष कमिटी की मांग रखी। बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मैंने इसकी जांच के लिए विशेष कमेटी बनाई थी।
इसके बाद 12 अप्रैल 2021 को राजस्व पर्षद के अपर सदस्य ने श्रम संसाधन के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर नौ अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कौशल विकास के संबंध में की गई बैठक पर कई जानकारी मांगी है। जिसमें यह भी पूछा गया है कि क्या श्रम संसाधन विभाग को यह ज्ञात नहीं था कि विवेक सावंत जो मुख्यमंत्री आवास पर कौशल विकास का प्रस्तुतीकरण कर रहे थे, भुवनेश्वर स्थित सीबीआई न्यायालय में दर्ज करोड़ों रुपये के घोटालों के नामजद अभियुक्त थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सीधे तौर मुख्यमंत्री कार्यालय से जुडा मामला है और आज पूछा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बैठक में मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि आप भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। जब रिपोर्ट सदन पटल पर रखने का आदेश दिया गया तो यह रिपोर्ट क्यों नहीं रखी गई।
मुख्यमंत्री जी आप बरगलाने की जगह स्वतंत्र एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच क्यो नही करा देते। पत्र जब जारी किया ही तो फिर लीपापोती का खेल क्यों?उन्होंने कहा कि हम तो प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना चाहते हैं। प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी है कि सरकार की नीतियों की समीक्ष करे, सरकार की योजना जमीन पर उतरे और उसके अंदर वित्तीय अनियमितता होती है तो सरकार को सूचित करे। आज शुरूआत हुई है। हमारा काम है एक प्रहरी के रूप में सजग करना। आपकी कथनी और करनी में फर्क नहीं है तो इसकी जांच कराएं। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर उस विशेष कमिटि की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किया। हमलोगों ने सदन में मामला भी उठाया, इसके बाद भी घोटाले की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की गई। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से भाजपा के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी सुरेश रुंगटा प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश वर्मा सिद्धार्थ शंभू प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर अजफर समसी प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश कुमार झा पूर्व विधायक कन्हैया रजवाड़ भाजपा नेता कामेश्वर सिंह आदि उपस्थित थे l