पेट्रोल-डीजल को क्यों GST में नहीं डाला जा सकता? सुशील मोदी ने राज्यसभा में बताया कारण - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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पेट्रोल-डीजल को क्यों GST में नहीं डाला जा सकता? सुशील मोदी ने राज्यसभा में बताया कारण

राज्यसभा में बुधवार को वित्त विधेयक 2021 पर बहस करते हुए भाजपा सांसद सुशील मोदी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में न डाले जाने के पीछे के कारण को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि अगले आठ से दस वर्षों तक अभी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में नहीं डाला जा सकता।

राज्यसभा में बुधवार को वित्त विधेयक 2021 पर बहस करते हुए भाजपा सांसद सुशील मोदी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में न डाले जाने के पीछे के कारण को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि अगले आठ से दस वर्षों तक अभी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में नहीं डाला जा सकता।
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता जीएसटी का बाहर तो खूब विरोध करते हैं, लेकिन, जब जीएसटी काउंसिल की बैठक होती है तो एक भी मुख्यमंत्री या वित्तमंत्री ने इसके स्ट्रक्च र का कभी विरोध नहीं किया। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अगर डीजल-पेट्रोल से होने वाली आमदनी को देश के विकास में खर्च किया जा रहा है तो फिर दिक्कत क्या है? सुशील मोदी ने बताया कि सौ रुपये का पेट्रोल-डीजल है तो 60 रुपये टैक्स मिलता है। जिसमें 35 रुपया केंद्र को मिलता और 25 रुपये स्टेट को मिलता है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बुधवार को सदन में कहा, “बार-बार एक बात आती है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल दिया जाए। अगर जीएसटी में पेट्रो उत्पादों को डाल दिया गया तो राज्यों को हर साल दो से ढाई लाख करोड़ से ज्यादा के नुकसान की भरपाई कहां से होगी? पेट्रोल-डीजल से केंद्र और राज्यों को करीब 60 प्रतिशत रेवेन्यू और लगभग पांच लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष मिलते हैं।”
उन्होंने बताया कि जीएसटी की उच्चतम दर 28 प्रतिशत है, जबकि अभी पेट्रोल-डीजल पर 60 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल दिया गया तो दो से ढाई लाख करोड़ की भरपाई कहां होगी? सुशील मोदी ने बताया कि जीएसटी में डाल देने से सौ रुपये के पेट्रोल-डीजल पर केंद्र और राज्य को केवल 12 रुपये टैक्स प्राप्त होगा। इस प्रकार 48 रुपये का जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई कहां से होगी? 
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा, “कांग्रेस या बीजेपी की सरकार हो, कोई सरकार ढाई लाख करोड़ रुपये नुकसान की भरपाई करने को तैयार नहीं है। यह संभव नहीं है कि आने वाले 8-10 साल साल में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाला जा सके।”
सुशील मोदी ने जीएसटी का विरोध करने पर विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, “कुछ लोग जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहकर खिल्ली उड़ाते हैं। हिम्मत है तो जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसका विरोध करें। जहां सभी राज्यों के लोग आते हैं। अब तक जीएसटी काउंसिल की बैठक में किसी सीएम, वित्त मंत्री ने इसके स्ट्रक्च र का विरोध नहीं किया है। जीएसटी लागू करने के लिए नरेंद्र मोदी जैसी हिम्मत चाहिए।”
जीएसटी के फायदे गिनाते हुए सुशील मोदी ने राज्यसभा में कहा कि आज बॉर्डर पर कोई चेक पोस्ट नहीं है। टाइम सेविंग हुई है। जीएसटी लागू होने के दौरान विपक्ष ने बहुत विरोध किया था। कनाडा का उदाहरण देते हुए कहा गया कि वहां 1992 में जीएसटी लागू होने का विपक्ष ने खूब विरोध किया था और चुनाव होने पर सत्ताधारी दल हार गया था। कहा गया था कि नरेंद्र मोदी सरकार को ऐसा भुगतना पड़ेगा। लेकिन, जीएसटी के बाद हुए चुनाव में मोदी सरकार और प्रचंड बहुमत से लौट आई। सूरत में जहां जीएसटी का सबसे ज्यादा विरोध हुआ, वहां कांग्रेस एक सीट भी जीत नहीं पाई।

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