पटना, (पंजाब केसरी) :उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के अनुरोध पर जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगीं, तब किसी मजदूर को न कहीं जबरस्ती रोका जा सकता है, न जबरन वापस भेजा सकता है। कर्नाटक में किसी को रोका नहीं गया, इसलिए बंगलुरू से दो ट्रेनें बिहार आ चुकी हैं। राज्य सरकार ने वापसी के लिए 8 और स्पेशल ट्रेन के लिए स्वीकृति दी है। मजदूरों को जबरदस्ती रोकने की अफवाह उड़ाने वाले बतायें कि पंजाब से एक भी स्पेशल ट्रेन क्यों नहीं आयी? कांग्रेस बताये कि पंजाब सरकार ने मजदूरों को जबरदस्ती रोका या काम मिलने पर लोगों ने घर वापसी का इरादा छोड़ दिया?
श्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन -2 में अनेक प्रकार की छूट मिलने से उद्योग-धंधे प्रारम्भ होने लगे, इसलिए कर्नाटक, गुजरात, पंजाब सहित कई राज्यों में मजदूरों को काम मिलने लगा है। बड़ी संख्या में लोग घर के बजाय काम पर लौटने का मन बना चुके हैं। कर्नाटक सरकार ने श्रमिकों के लिए पैकेज की घोषणा की। तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर खगडिय़ा से 222 मजदूर चावल मिलों में काम करने के लिए खगडिय़ा से तेलंगाना रवाना हो गए। लाकडाउन ने विकसित राज्यों को बिहार की श्रम शक्ति का एहसास करा दिया। हिसार से बिहार के 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल किशनगंज के लिए रवाना हुई। हम सभी मजदूरों का स्वागत करते हैं। जिस कांग्रेस ने राष्ट्रमंडल खेल से लेकर कोल ब्लाक आवंटन तक दस साल में अरबों रुपये के घोटाले किये। वह गुजरात से लौटने वाले 1185 छात्रों-मजदूरों के किराये में मात्र 6 लाख 82 हजार 750 रुपये चुकाने को सोनिया गांधी की महान कृपा बता रही है। जिनके संस्कार भारतीय हैं, वे अपने उपकार-सहायता का प्रचार नहीं करते।