नई दिल्ली : कर विभाग ने सरकारी तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) को 7,666.10 करोड़ रुपये का सेवा कर अदा करने का नोटिस भेजा है। पिछले 10 वर्षों में विदेशी अनुषंगियों द्वारा ओवीएल को भेजे गये धन पर यह कर लगाया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। ओवीएल, ओएनजीसी विदेशी इकाई है। इसकी न्यूजीलैंड से लेकर वेनेजुएला तक करीब 20 देशों की 41 परियोजनाओं में हिस्सेदारी है।
सूत्रों ने कहा कि सेवा कर विभाग ने तर्क दिया है कि विदेशी इकाइयां ओवीएल को सेवाएं दे रही हैं और इस तरह से कंपनी सेवा कर की अदायगी करने के लिये उत्तरदायी है। यह कर मांग 2006 से 2017 की अवधि के लिये है। सेवा कर विभाग ने 11 अक्टूबर, 2011 को ओवीएल को पहला डिमांड एवं कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि उस पर 2,816.31 करोड़ रुपए (ब्याज और जुर्माने समेत) का सेवा कर क्यों न लगाया जाए और क्यों इसकी वसूली नहीं की जाये।
ओएनजीसी ओपीएएल की हिस्सेदारी बेचेगी
इसके बाद से सेवा कर विभाग ओवीएल को पांच और मांग तथा कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है। सूत्रों ने कहा कि ओवीएल का मानना है कि उस पर कोई भी सेवा कर देय नहीं है और उसने इस कर मांग को चुनौती दी है।