Monsoon Session: सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल पेश किया। बता दें कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। इस विधेयक का नाम ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023’ है, जो गुरुवार को लोकसभा में पारित हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर करीब 6 घंटे चर्चा होगी। कई विपक्षी सांसदों ने कहा कि इस बिल को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच इस बिल पर सदन में चर्चा शुरू हुई।
कानून बनाने का पूरा अधिकार संसद के पास है-सुप्रीम कोर्ट
इस दौरान बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ”क्या शिद्दत है कि जिस पार्टी ने गुजरात में इनका वोट हाफ कर दिया, पंजाब में सत्ता से साफ कर दिया और दिल्ली में ऑफ कर दिया, उस पार्टी का समर्थन करने के लिए इस तरह से खड़े हैं। त्रिवेदी ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट के 105 पन्नों के फैसले में कहीं भी दिल्ली पर कानून बनाने के खिलाफ कोई बात नहीं कही गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पैराग्राफ 86, 95 और 164 एफ में कहा गया है कि दिल्ली के लिए कानून बनाने का पूरा अधिकार संसद के पास है.”
दिल्ली सरकार मेंअधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में जारी अध्यादेश
दरअसल, मई में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का कोई प्रभाव नहीं रहेगा जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ‘सेवाओं’ का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया गया था। यह विधेयक दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा।