नई दिल्ली : सड़कों पर महिला सुरक्षा की तमाम कोशिशें जहां असफल हो रही है, वहीं सोशल मीडिया पर महिला सुरक्षा को गंभीरता तक से नहीं लिया जा रहा है। रोहिणी जिला के प्रशांत विहार थाने में करीब एक महीने पहले फेसबुक अकाउंट हैक करके अश्लील कटेंट पोस्ट करने की शिकायत मिली थी, जिसमें अब तक कोई एफआईआर नहीं दर्ज हो सकी है। हद तो यह है कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ मोबाइल नंबर तक मुहैया कराए हैं, लेकिन पुलिस आरोपियों का पता लगाने के बजाए सिर्फ ‘जांच’ कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस को मार्च महीने में शिकायत मिली थी, जिसकी जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि पिछले वर्ष अप्रैल महीने में पहली बार उनका फेसबुक अकाउंट हैक हुआ था।
हालांकि उसी दौरान उनकी शादी होनी थी, जिसके कारण वह फेसबुक बहुत कम प्रयोग करती थीं। इसी बीच उनकी किसी दोस्त ने फेसबुक पर अभद्र-अश्लील मैसेज पोस्ट होने की जानकारी दी। जब उन्होंने अपना फेसबुक खोलकर देखा तो हैरान रह गईं क्योंकि उनकी प्रोफाइल से न सिर्फ अश्लील पोस्ट डाली गई थी बल्कि कई अश्लील फेसबुक पेज को भी लाइक व सब्सक्राइब किया गया था। उन्होंने अपने दोस्तों से मदद मांगते हुए अपने प्रोफाइल को रिपोर्ट एब्यूज करने के लिए कहा तो वहीं उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट को डिएक्टिवेट भी कर दिया। बहुत समय बीतने के बाद पीड़िता ने दोबारा अपना फेसबुक एक्टिवेट किया, लेकिन एक्टिवेट होते ही उनका अकाउंट दोबारा हैक हो गया। हारकर पीड़िता ने मामले की सूचना को दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। पीड़िता ने अपने फेसबुक का स्क्रीनशॉट और मोबाइल नंबर जमा कराया है, जिसके आधार पर जांच की जा रही है।
पीड़िता के उन आरोपों को भी जांच की जा रही है, जिसमें उन्होंने आरोपी के लखनऊ के आसपास के होने की जानकारी दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के व्हाट्सएप पर भी अलग-अलग मोबाइल नंबर से उनको मैसेज आए थे और उन्होंने आशंका जताई है कि व्हाट्सएप पर मैसेज भेजने और फेसबुक अकाउंट हैक करने वाला एक ही आरोपी है, हालांकि अभी मामले में पुलिस किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची है। जिला पुलिस उपायुक्त रजनीश गुप्ता ने बताया कि पुलिस मामले की जांच करेगी और यह भी देखेगी कि एफआईआर क्यों नहीं दर्ज हो सकी। पूरे मामले पर पीड़िता ने बताया कि एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर महिला के साथ शोषण में एफआईआर तक दर्ज नहीं हो पा रही है। पुलिस हर बार किसी अलग बहाने से जांच करने की बात कहती है।
अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करें।
– रवि भूषण द्विवेदी