नई दिल्ली : दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े की लगातार कम होती संख्या को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक हजार बसें खरीदने का फैसला किया है। यह सभी बसें लो फ्लोर होंगी, जिनमें से 80 प्रतिशत एसी और 20 प्रतिशत नॉन एसी होंगी। इन बसों को डीटीसी स्वयं खरीदेगी। इसके लिए दो चरणों में टेंडर किया जाएगा। पहले चरण में बसें खरीदने के लिए टेंडर किया जाएगा जबकि दूसरे चरण में बसों के रखरखाव के लिए टेंडर होगा।
हाल ही में हुई परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में डीटीसी बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें 500 स्टेंडर्ड साइज की बसें खीरदने के लिए टेंडर लाया गया था। जिसे बोर्ड ने निरस्त कर दिया। इसके बाद बोर्ड ने एक हजार लो फ्लोर बसों के लिए टेंडर तैयार कर लाने के लिए कहा है। बता दें कि दिल्ली सरकार पिछले कई माह से तीन हजार बसें लाने की योजना बना रही है। ये सभी बसें क्लस्टर सेवा के तहत आनी हैं। यानी इन बसों के लिए दिल्ली सरकार स्वयं खरीददारी नहीं करेगी।
इसमें एक हजार स्टेंडर्ड साइज की बसें हैं। जो हाइड्रोलिक लिफ्ट के साथ आनी हैं। इस बसों की टेंडर फाइनल होने वाला है। इन बसों में लगाई जाने वाली हाइड्रोलिक लिफ्ट के मॉडल का प्रदर्शन हो चुका है। अब इनके डिजाइन को मंजूरी मिलनी है। इसके बाद बसों को खरीदने के लिए अंतिम प्रक्रिया पूरी की जाएगी। माना जा रहा है कि बसें जून-जुलाई तक आनी शुरू हो जाएंगी। इसी तरह क्लस्टर सेवा के तहत ही एक हजार लो फ्लोर एसी बसें आनी हैं।
इनके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं। इनके लिए टेंडर प्रक्रिया अगले तीन माह में पूरी करी ली जाएगी। जबकि एक हजार इलेक्ट्रिक बसें आनी हैं। ये बसें भी क्लस्टर सेवा के तहत ही आनी हैं। इसके लिए भी प्रक्रिया चल रही है। इन बसों के बारे में भी कहा जा रहा है अगस्त सितंबर तक बसें आनी शुरू होंगी।