आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बीच, आबकारी नीति मामले में रविवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की। वहीं, पार्टी प्रमुख ने दावा किया कि घोटाले के आरोप झूठे हैं और एजेंसी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रही है।
रात करीब साढ़े आठ बजे सीबीआई मुख्यालय से बाहर निकलने के बाद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझसे लगभग 56 सवाल पूछे गए। मैंने उन सभी के जवाब दिये… जैसा कि मैंने पहले कहा था कि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। कथित शराब घोटाला झूठा है, मनगढ़ंत और गंदी राजनीति से प्रेरित है… हम मर जाएंगे लेकिन ईमानदारी नहीं छोड़ेंगे।’’
एजेंसी ने बीते शुक्रवार को केजरीवाल को तलब कर जांच दल के समक्ष गवाह के तौर पर पेश होने के लिए कहा था।
सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के बाद आप प्रमुख को कई विपक्षी नेताओं की ओर से एकजुटता के संदेश प्राप्त हुए। रविवार सुबह एक वीडियो संदेश में आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने दावा किया कि भाजपा ने एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया होगा।
भाजपा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल इस मामले के ‘‘सरगना’’ हैं और कहा कि यह यह बयानबाजी का नहीं, बल्कि जवाबदेही का समय है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को कहा कि सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जैसी जांच एजेंसियां भावनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि तथ्यों के आधार पर काम करती हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने मुख्यमंत्री से नीति निर्माण प्रक्रिया और विशेष रूप से उस फाइल के बारे में पूछताछ की, जिसका ‘‘पता नहीं लग सका’’ है और जिसे पहले मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा जाना था।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति की राय और इस पर सार्वजनिक एवं कानूनी राय वाली फाइल को मंत्रिपरिषद के समक्ष नहीं रखा गया था और यह अब तक नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल से यह भी सवाल किया गया कि वह मंजूरी से पहले नीति निर्माण में शामिल थे, या नहीं।
आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ डीलर का पक्ष लिया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी, इस आरोप का आप ने खंडन किया था। बाद में नीति को रद्द कर दिया गया।
केजरीवाल रविवार सुबह महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट गये। इसके बाद, आप प्रमुख के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कुछ कैबिनेट सहकर्मी सीबीआई कार्यालय तक गए।
सीबीआई जब केजरीवाल से पूछताछ कर रही थी, तभी आर्चबिशप रोड पर धरना दे रहे आप के कई वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली पुलिस ने ‘‘हिरासत’’ में ले लिया।
हिरासत में लिए गए लोगों में आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और कैलाश गहलोत, पार्टी के प्रवक्ता आदिल अहमद खान, महासचिव पंकज गुप्ता तथा पंजाब सरकार के कुछ मंत्री शामिल थे।
चड्ढा ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली पुलिस ने हमें शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने के कारण गिरफ्तार किया है और वह हमें किसी अज्ञात जगह पर ले जा रही है… यह किस तरह की तानाशाही है?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ‘केजरीवाल-फोबिया’ से ग्रसित है।’’
हालांकि, धरने में शामिल रहे मान आप नेताओं को हिरासत में लिये जाने से पहले वहां से चले गए थे।
आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, ‘‘विरोध प्रदर्शन करने को लेकर पूरी दिल्ली में लगभग 1,500 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है या गिरफ्तार किया है। दिल्ली के 32 विधायकों और 70 पार्षदों को गिरफ्तार किया गया है और पंजाब में आप के 20 विधायकों को दिल्ली की सीमा पर गिरफ्तार किया गया है।’’
राय ने पार्टी के अगले कदम के बारे में फैसले को लेकर अपने पदाधिकारियों की एक ‘‘आपातकालीन बैठक’’ की अध्यक्षता भी की।
मामले की जांच कर रही सीबीआई के मुख्यालय पहुंचने के बाद केजरीवाल को एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रथम तल के कार्यालय में ले जाया गया।
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल से करीब नौ घंटे पूछताछ की गई। उन्हें भोजनावकाश की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने सीबीआई कार्यालय के बाहर नहीं जाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए रविवार को कार्यालय में मौजूद रहे और यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी केजरीवाल से अन्य आरोपियों के बयानों के बारे में भी पूछताछ कर सकती है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि कुछ शराब कारोबारियों और ‘दक्षिण दिल्ली की शराब लॉबी’ को फायदा पहुंचाने के लिए नीति को कथित तौर पर प्रभावित किया गया था।
इसके अलावा, अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी आबकारी नीति तैयार करने में उनकी भूमिका और व्यापारियों और ‘दक्षिण लॉबी’ के सदस्यों के कथित प्रभाव के बारे में उन्हें क्या कुछ पता था, इसके बारे में भी जांच कर सकती है।
आप नेता मनीष सिसोदिया को इस मामले में करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और अधिकारियों ने कहा था कि उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
सीबीआई कार्यालय जाने से पहले केजरीवाल ने रविवार को ट्विटर पर अपने पांच मिनट के वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मुझे आज सीबीआई ने तलब किया है और मैं ईमानदारी से सभी सवालों का जवाब दूंगा। ये लोग बहुत शक्तिशाली हैं। ये किसी को भी जेल भेज सकते हैं, चाहे उस व्यक्ति ने कोई अपराध किया हो या नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘…मुझे लगता है कि भाजपा ने सीबीआई को आदेश दे दिया है कि केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाए।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर राजघाट पर प्रदर्शन किया।
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया, ‘‘जब केजरीवाल फंस जाते हैं तो उन्हें महात्मा गांधी की याद आती है, जबकि उन्होंने अपनी सरकार के कार्यालयों से (महात्मा) गांधी की तस्वीर हटाने का आदेश दिया है।’’
सीबीआई की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जांच एजेंसी यह पता लगाना चाहती है कि ‘‘दिल्ली शराब घोटाले का सरगना कौन है? क्या मनीष सिसोदिया ने अकेले ही यह आबकारी नीति बनाई है या कोई और भी इसमें शामिल है?’’
पात्रा ने भुवनेश्वर में संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल से कुछ सवाल भी किए।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली शराब नीति आपके निर्देश पर आपके निवास पर कैबिनेट द्वारा पारित की गई थी और आपने बार-बार दावा किया है कि इस नीति से राज्य के खजाने को भारी लाभ होगा, लेकिन इसके बजाय 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और आपको आबकारी नीति वापस लेनी पड़ी।’’
इस बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के नाम पर सत्ता हथियाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का इस्तेमाल किया।
रीजीजू ने हजारे के एक पुराने साक्षात्कार के अंश भी साझा किए, जिनमें वह दिल्ली की आबकारी नीति की कथित रूप से आलोचना करते नजर आ रहे हैं।
रीजीजू ने ट्वीट किया, “अब उन्होंने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। मुझे यकीन है कि वह अन्ना जी की भी नहीं सुनेंगे। भ्रष्टाचार एक बहाना था, अन्ना जी और जनता को मूर्ख बनाने का। उन्होंने कहा, “अन्ना जी का इस्तेमाल केवल सत्ता पर कब्जा करने और भ्रष्टाचार के नाम पर संसाधनों को लूटने के लिए किया गया।”
पंजाब के मंत्रियों एवं विधायकों समेत कई आप नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया।
पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी ने दावा किया कि मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा, डॉ. बलबीर सिंह और हरजोत सिंह बैंस तथा विधायक दिनेश चड्ढा और कुलजीत रंधावा समेत अन्य लोगों को सिंघू बॉर्डर पर रोक दिया गया और उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।
मुख्यमंत्री केजरीवाल को तलब किए जाने के विरोध में आप कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में यातायात जाम की सूचना मिली।
अन्य राज्यों से भी प्रदर्शन की सूचना मिली है। आप कार्यकर्ताओं ने जयपुर में सीबीआई कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया। बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारायण सिंह सर्किल पर टोंक रोड को जाम कर दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाते हुए सीबीआई मुख्यालय पर सुरक्षा बढ़ा दी थी।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों सहित 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को सीबीआई मुख्यालय के बाहर तैनात किया गया था और क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 भी लगाई गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि राउज एवेन्यू स्थित आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई।