नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश है जहां लोग अपने खुराफाती दिमाग और नायाब तरीकों से किसी भी चीज का हल निकाल लेते हैं। कितनी भी परेशानी क्यों न हो कोई न कोई जुगाड़ करके उसका समाधान ढूंढ ही लेते हैं। वैसे तो सोशल मीडिया पर भी जुगाड़ की हुई कई चीजों की फोटो वायरल होती रहती है। इसके अलावा कई ऐसी चीजे हैं, जिसमें जुगाड़ तो लगाया जाता है लेकिन वह हर किसी को मालूम नहीं होता। हमारे देश में एक से बढ़कर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो जुगाड़ लगाने में बेहद माहिर हैं। एक ऐसा ही जुगाड़ है ‘मिस्ड कॉल’ का। सुनकर थोड़ी हैरान हुई होगी, लेकिन इस मिस्ड कॉल का खेल काफी पुराना है और इसे लोकल ट्रेन के यात्री ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
लोकल ट्रेन के वह यात्री, जिनके पास न तो एंड्रॉयड फोन हैं और न ही इंटरनेट की सुविधा, वह अपने ट्रेन का पता एक मिस्ड कॉल देकर लगाते हैं। यदि हम पालम-रेवाड़ी रूट की बात करें तो रेवाड़ी से आ रही लोकल ट्रेन जब गुरुग्राम पहुंच जाती है तो ट्रेन में सवार यात्री पालम रहने वाले अपने साथी यात्री को एक मिस्ड कॉल देकर यह बता देता है कि ट्रेन गुरुग्राम पहुंच चुकी है और यदि वह दो मिस्ड कॉल देता है तो समझिए गाड़ी लेट है। पालम के दैनिक यात्री संघ के महासचिव बालकृष्ण अमरसारिया का कहना है कि लोकल ट्रेन से सफर करने वाले लोग इंटरनेट के सहारे न रहकर मिस्ड कॉल का सहारा लेते हैं। इसे ‘देसी जुगाड़ सिस्टम’ भी कहा जाता है।
– सिमरनजीत सिंह