आज देश के कोने-कोने में जन्माष्टïमी मनाई जा रही है। घरों में जोर-शोर से तैयारियां हो रही है। रात्रि 12 बजे हर जगह नंदलाल को पुकारा जायेगा, माखन-मलाई का प्रसाद बांटा जायेगा, झूला झुलाया जायेगा परन्तु जो आज देश के हालात हैं कहीं बच्चियों का रेप, महिलाओं से बलात्कार, कहीं बेटियां सुसाइड कर रही हैं, कभी कोई उन्हें व्हाट्सएप पर ब्लैकमेल कर रहा है, कभी वीडियो बना कर वायरल हो रही है, रिश्ते तार-तार हो रहे हैं, तो मेरा तो यही मानना है- ‘बड़ी देर भई नंद लाला, तेरी राह तके देश की हर बाला। आज काफी बच्चियों-बेटियों को खतरा है कहीं बदतमीजी से गलत व्यवहार से। अभी देशभर में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मूवमैंट भी बड़े जोरों-शोरों से चल रही है। मैंने खुद देश की प्रमुख बेटियों को लेकर ‘कॉफी टेबल बुक लिखी जिसका देश के राष्ट्रपति ने विमोचन किया और अब ‘हरियाणा की बेटियां की पूरी तैयारी है परन्तु देखना है इनका असर कहां तक होता है? आज महिलाओं का सम्मान और उनकी अस्मिता की रक्षा करना बहुत जरूरी है। अभी रेप, यौन अपराध और महिलाओं के उत्पीडऩ को लेकर हमारे यहां बहुत से कायदे-कानून हैं।
सुप्रीम कोर्ट तथा अन्य अदालतें इस मामले में गुनाहगारों के खिलाफ सजा-ए-मौत के फरमान भी जारी कर रही है, जिसका स्वागत है परन्तु फिर भी कहीं मुजफ्फरपुर और देवरिया जैसे कांड दोहराए जा रहे हैं तो कहीं सरकारी शैल्टरों में महिलाओं की इज्जत तार-तार की जा रही है। कहीं बहुत से सफेदपोश हैं जो देह व्यापार के धंधे में लगे हैं। अभी भी निर्भया जैसे कांडों का बोलबाला है। शाहजहांपुर में दसवीं की एक बच्ची को हफ्ते तक बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया जाता है। सफीदों में बलात्कार की शिकार एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। केवल आंसू बहाना, कैंडल मार्च निकालना इसका हल नहीं, मेरा मानना है कि गुनाहगारों को तुरन्त फांसी की परंपरा शुरू होनी चाहिए। आज देशभर में हर घर में जन्माष्टïमी के लिए खूब जोरों-शोरों से पूजा होगी, क्यों न आओ हम सब मिलकर श्रीकृष्ण जी को पुकारें और उन्हें मजबूर कर दें कि उन्हें फिर धरती पर जन्म लेना होगा, आना होगा। उन्होंने एक द्रोपदी की अस्मत बचाई थी। उन्होंने नारी सम्मान के लिए कभी न खत्म होने वाले वस्त्र द्रोपदी को प्रदान किये। आज लाखों महिलाएं-बेटियां अपनी अस्मत बचाने के लिए उनकी राह देख रही हैं कि हे कृष्ण! धरती पर आओ, नारी सम्मान बचाओ। कुछ लोग शारीरिक रूप से नारी का बलात्कार करते हैं, कुछ उनके खिलाफ कुछ लिखकर करते हैं, कुछ नज़रों से करते हैं, कोई भी नारी चाहे बड़ी हो, छोटी हो उसका किसी तरह का अपमान पाप है।
जब-जब पाप बढ़ते हैं तब-तब कोई महापुरुष आता है, पापियों का संहार करता है। किसी भी बात का अंत (ज्यादती) होता है तो उसे खत्म करने के लिए कोई शक्ति दुनिया में आती है तो हे कृष्णा! तुम्हें आना ही होगा। जगह-जगह जन्माष्टïमी मनाने के लिए लोग लाखों खर्च करते हैं। मेरा मानना है अगर वही लोग पैसा खर्चने क ी बजाय यह ठान लें कि इस जन्माष्टïमी से लेकर अगली जन्माष्टïमी तक कितनी महिलाओं की रक्षा करेंगे, कितनों को सम्मान देंगे तो उनसे श्रीकृष्ण जरूर खुश होंगे और अगर इस बार जन्माष्टïमी के खर्च को केरल में भेजा जाये या हर मन्दिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च अपने कोष से केरल की मदद करें तो यह असली जन्माष्टïमी होगी क्योंकि हर जगह उनके लिए चन्दा इक_ïा हो रहा है। मुझे अश्विनी जी के कज़न ने मुम्बई से वीडियो भेजा जिसमें कहा जा रहा है कि वहां पैसे-रुपये की बिल्कुल जरूरत नहीं सिर्फ कारपेंटर और इलैक्ट्रिशियन चाहिएं तो हमें इस पर विचार करना है।