हरियाणा के भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके दोस्त के खिलाफ आईएएस अफसर की बेटी से गाड़ी को रोकने, उसका पीछा करने और छेड़छाड़ के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। शनिवार को पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी विकास बराला और उसके दोस्त आशीष के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
They kept following my car. Tried to block my way & even tried opening my car’s door: Girl stalked by Haryana BJP Pres’ son Vikas Barala pic.twitter.com/L14xDGU6nn
— ANI (@ANI_news) August 6, 2017
वहीं, कांग्रेस और आईएनएलडी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है, वहीं पीड़ित युवती भी विकास बराला के खिलाफ खुलकर सामने आ गई है। पीड़ित युवती ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी आपबीती बताई। पीड़ित लड़की ने मीडिया से बातचीत में समय पर ऐक्शन लेने के लिए चंडीगढ़ पुलिस को भी शुक्रिया कहा है। साथ ही ये भी लिखा है कि अगर पुलिस नहीं आती तो उसके साथ कुछ भी हो सकता था। पीड़ित लड़की ने लिखा है कि उसकी कार का एसयूवी कार सवार दो लोगों ने पीछा किया। लड़की की कार को कई बार रोकने की कोशिश भी की।
Thank Chandigarh Police for reaching on time. If cops wouldn’t have caught them something worse could’ve happened: Victim #Chandigarh pic.twitter.com/a1z70C8d1M
— ANI (@ANI_news) August 6, 2017
पीड़ित युवती ने अपने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा ?
चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया जिसने मेरे कॉल पर एक्शन लिया। पुलिस ने सिस्टम में मेरे भरोसे को फिर से जिंदा कर दिया है। सेक्टर 8 मार्केट से रात 12.15 बजे घर के लिए निकली और फोन पर एक दोस्त से बात करते हुए सड़क पार करके सेक्टर 7 में घुसी ही थी कि तभी मुझे लगा कि एक कार मेरा पीछा कर रही है। सफेद रंग की एसयूवी कार मेरी कार के साथ-साथ चलने लगी तब तक मैं सेक्टर 7 में थी और सेक्टर 26 के सेंट जॉन्स की तरफ बढ़ रही थी।
एसयूवी में दो लड़के आधी रात को एक अकेली लड़की को छेड़कर मजा ले रहे थे। ये लोग इस तरह से मेरा पीछा कर रहे थे कि कई बार मुझे लगा कि ये मेरी कार को ठोंक देंगे। तब तक मैं अलर्ट हो चुकी थी इसलिए मैंने सेंट जॉन्स से राइट टर्न लेने का प्लान किया जो थोड़ा बिजी और सेफ माना जाता है। लेकिन राइट टर्न लेने वक्त एसयूवी ने रास्ता रोक दिया जिससे मुझे सीधे सेक्टर 26 की सड़क लेनी पड़ी। मैंने अगले टर्न पर फिर राइट लेने की कोशिश की लेकिन इस बार तो उनलोगों ने सीधे मेरी कार के सामने अपनी गाड़ी लगाई और पैसेंजर सीट पर बैठा लड़का उतरकर मेरी तरफ बढ़ने लगा।
मैंने तुंरत बैक गियर लगाई और इससे पहले कि वो फिर मेरे पास आते, तेजी से अगला राइट टर्न लिया। इस दौरान मैंने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को अपनी हालत और लोकेशन बताई। फोन पर पुलिस ने कहा कि वो जल्दी पहुंच रहे हैं। मैं अब मेन रोड पर पहुंच चुकी थी और 15 सेकेंड से एसयूवी नहीं दिखी तो मुझे लगा कि फोन करता देख वो भाग गए होंगे लेकिन मैं गलत थी। मेरे हाथ कांप रहे थे, कमर जकड़ रही थी, कुछ हक्की-बक्की और कुछ आंखों में आंसू लिए मैं ये सोच रही थी कि पता नहीं आज घर लौट पाऊंगी भी कि नहीं। इन लड़कों ने 6 किलोमीटर तक लगातार मेरा पीछा किया और इस रोड के आखिर में ट्रैफिक लाइट के पास मेरी कार का रास्ता रोक दिया।
पैसेंजर सीट से फिर एक लड़का उतरकर मेरी तरफ बढ़ा, पता नहीं कैसे लेकिन मैंने कार को रिवर्स गियर में डाला और राइट की तरफ दिखी थोड़ी सी जगह से लगातार हॉर्न बजाती कार निकाली ताकि वहां गुजर रही दूसरी गाड़ियां मेरी हॉर्न सुनकर देखें कि दिक्कत क्या है कि ये लगातार हॉर्न बजा रही है। तब तक वो लड़का मेरी कार के पास पास आ चुका था। उसने मेरे कार के विंडो पर जोर से हाथ मारा और गेट खोलने की कोशिश की। तभी मेरी नजर एक पुलिस कार पर पड़ी, मैं लगातार हॉर्न बजा रही थी। कुछ पुलिस वाले दौड़कर आए और एसयूवी वालों को पकड़ा। डर से कांपती मैं सीधे घर गई और अपने पिता वीरेंद्र कुंडु को सब कुछ बताया और फिर उनके साथ एफआईआर करने वापस गई। दोनों लड़के गिरफ्तार हो चुके थे जो निश्चित रूप से प्रभावशाली परिवार से हैं और राजनीतिक कनेक्शन रखते हैं। चंडीगढ़ पुलिस को शुक्रिया क्योंकि अगर उनके जवान समय पर नहीं आते तो शायद आज मैं ये स्टेट्स नहीं लिख पाती।