चेन्नई/नयी दिल्ली : सीबीआई ने 2007 में आईएनएक्स मीडिया कंपनी को विदेशी निवेश मंजूरी दिलाने के लिए कंपनी की तरफदारी करने के आरोप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़े अनेक स्थानों पर आज छापे मारे। दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये छापे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और और गुरूग्राम में मारे गए।
चेन्नई में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चेन्नई में पी चिदंबरम के नुंगमबक्कम आवास पर भी छापे मारे जा रहे हैं। अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार चिदंबरम के पैतृक शहर कराईकुड़ी में भी छापे मारे जा रहे हैं। सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ कल मामला दर्ज किया। इसके निदेशक इंद्राणी मुखर्जी, और पीटर मुखर्जी के मार्फत यह मामला दर्ज किया गया है। एजेंसी का आरोप है कि कंपनी की तरफदारी तब की की गई थी जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया के अलावा निदेशक कार्ति के मार्फत उनकी कंपनी चेस मैनेजमेंट सर्विसेज और निदेशक पद्मा विश्वनाथन के मार्फत एडवांटेज कंसल्टिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनके खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधडी तथा भ्रष्ट अथवा अवैध तरीके से परितुष्टि तथा आपराधिक कदाचार के आरोप लगाए गए हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार उनके बेटे को निशाना बनाने के लिए सीबीआई तथा अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि ”सैंकडों मामलों में” एफआईपीबी की मंजूरी दी गई थी।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने चेन्नई में एक बयान जारी करके कहा, ”सरकार सीबीआई तथा अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर मेरे बेटे और उसके दोस्तों को निशाना बना रही है सरकार का मकसद मेरी आवाज को बंद कराना और मुझे आगे लिखना से रोकना है जैसा कि उसने विपक्षी दलों के नेताओं, पत्रकारों, स्तंभकारों, एनजीओ और नागरिक समाज संगठनों के साथ किया है।”
”मैं बस इतना ही कहूंगा, मैं बोलना और लिखना जारी रखूंगा।” चिदंबरम ने कहा कि एफआईपीबी को बनाने वाले पांच सचिवालय, एफआईपीबी सचिवालय के अधिकारियों तथा प्रत्येक मामलों में सक्षम प्राधिकारी जन अधिकारी हैं और उनमें से किसी के भी खिलाफ कोई आरोप नहीं थे। उन्होंने कहा, ”मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है।”
चिंदबरम ने कहा कि प्रत्येक मामले में कानून के हिसाब से कार्रवाई की गई और भारत सरकार सरकार के पांच मंत्रालयों से मिल कर बने एफआईबीपी की अनुशंसा के अनुरूप ही मंजूरी दी गई अथवा मामले को नामंजूर किया गया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम ने वित्त मंत्रालय में अपनी पहुंच का इस्तेमाल किया।
आईएनएक्स मीडिया ने तीन प्रवासी उपक्रमों डेनअर्न, एनएसआर पीई और न्यू वेरोन प्राइवेट इक्विटी लिमिटेड को कम से कम 14.98 प्रतिशत इक्वटी शेयरों के तरजीही आवंटन जारी करने की अनुमति के लिए 13 मार्च 2007 को एफआईबीपी मंजूरी की मांग की थी।
कंपनी ने यह मंजूरी टीवी चैनलों के समूह का व्यापार शुरू करने, संचालन प्रबंधन तथा प्रसारण के लिए मंागी थी। एफआईपीबी इकाई ने बोर्ड को 18 मई 2007 को होने वाली बैठक में पेश किये जाने वाले संक्षिप्त प्रस्ताव में स्पष्ट किया था कि 4.62 करोड़ रूपए के प्रस्तावित इशुओं में अंकित मूल्य पर एफडीआई को मंजूर किया जा सकता है और आईएनएक्स न्यूज में निवेश के लिए एफआईपीबी की अलग से मंजूरी लेनी होगी।
बोर्ड ने आईएनएक्स मीडिया के प्रस्ताव की अनुशंसा करते हुए उसे वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया था लेकिन आईएनएक्स न्यूज के लिए कोई अनुशंसा नहीं की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने अनुशंसाओं को मंजूर कर लिया था।
(भाषा)