नई दिल्ली: बीते 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के खिलाफ आज (मंगलवार को) देशभर में कई संगठनों फिर से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर बिहार में देखने को मिल रहा है. यहां आरा में दो समुदायों के बीच झड़प की खबरें सामने आ रही हैं और घटनास्थल पर गोलियों की आवाज सुनी गईं। यहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को भी रोक दिया। वहीं, मध्यप्रदेश के भिंड-मुरैना में ऐहतियातन सख्ती बरती जा रही है।
गृहमंत्रालय ने भारत बंद को लेकर सभी राज्यों को अलर्ट मोड़ पर रहने के लिए कहाी है तथा एक एडवाइजरी (Home Ministry Advisory) जारी की है। राज्यों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और किसी भी प्रकार के हिंसात्मक विरोध को रोकने के लिए गृहमंत्रालय ने एक एडवाइजरी (Home Ministry Advisory) जारी करके राज्यों को सेचत किया है। जाति के आधार पर आरक्षण के खिलाफ जनरल और ओबीसी समाज के लोगों ने 10 अप्रैल (10 April 2018) के भारत बंद का ऐलान पहले ही कर दिया था। बता दें कि भारत में आरक्षण नौकरी और शिक्षा के आधार पर है जिसकी वजह से कई बार आरक्षण को खत्म करने की मांग उठ चुकी है। सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से चल रहे भारत बंद के आह्वान को देखते हुए देशभर में सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किए गए है। सोशल मीडिया पर चल रहे मेसेज के मुताबिक ये भारत बंद देश में आरक्षण समाप्त करने की मांग को किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक देशभर के करीब 20 संगठनों ने 10 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया है।
इससे पहले 2 अप्रैल को दलित संगठनो द्वारा भारत बंद के दौरान कई जगहों पर करीब 17 लोगों की मौत हो गई थी और सैंकड़ों लोग घायल हो गए थे। मौत और आगजनी की घटनों के बाद आज के बंद को लेकर प्रशासन बेहद सख्त है।
कई जिलो में धारा 144 लागू
भारत बंद के दौरान संभावित खतरे को देखते हुए कई जिलों में धरा १४४ लागू कर दी गई है। पुलिस पिछले चार पांच दिनों से प्रमुख संगठनों, व्यापारिक संगठनों,यातायात संगठनों, राजनैतिक संगठनों और अन्य समूहों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था बनाये रखने का आग्रह कर रही है।
बिहार में गोलीबारी
आरा नगर थाने में आनंदनगर इलाके में बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग की जा रही है।वहीं हाजीपुर में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा जाम में फंस गए। बंद समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री से बदसलूकी भी की। ये घटना हाजीपुर के शुभाई की है।
बिहार के गया जिला में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े। दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया।
पटना के भी कई क्षेत्रों में मार्ग जाम किया गया। बंद समर्थकों का कहना है कि सभी जातीय समूहों में निर्धन लोग शामिल हैं। ऐसे में आरक्षण आर्थिक आधार पर लागू किया जाना चाहिए। इस बीच बंद को देखते हुए राजधानी पटना के अधिकांश निजी स्कूलों को बंद रखा गया है। इधर, बंद को लेकर राज्य के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कई स्थानों पर पुलिकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
राजस्थान में आंशिक असर
राजस्थान में कड़े सुरक्षा प्रबंध के कारण आज भारत बंद का असर बहुत कम नजर आ रहा है। अधिकारिक एवं पुलिस सूत्रों ने बताया कि कहा प्रदेश में किसी भी स्थान से अप्रिय वारदात, रेल, बस रोके जाने की सूचना नहीं है। जयपुर समेत छह जिला प्रशासन ने भारत बंद के आह्वान को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं चौबीस घंटे के लिए स्थगित कर दी हैं और निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी है। प्रांतीय राजधानी में कुछ दुकानें खुली हुई हैं। नगरीय एवं परिवहन सेवाएं यथावत संचालित हो रही हैं। जगह-जगह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं।
छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर पंजाब में भारत बंद रहा बेअसर
सोशल मीडिया पर आहुत बंद आज समूचे पंजाब में बेअसर रहा। हालांकि इस बार प्रशासन की और से किसी अप्रिय स्थिति को टालने के लिये कड़ सुरक्षा व्यवस्था की गयी। पंजाब के जिला जालंधर में लांबड़ में कुछ दुकानें बंद करवाई गई लेकिन सख्त पुलिस प्रबंधों के चलते किसी प्रकार का कोई तनाव पैदा नहीं हुआ। जिला में सभी सरकारी और निजी कार्यालय यथावत खुले रहे। सुरक्षा की दृष्टि से निजी शिक्षण संस्थान बंद रहे जबकि सरकारी स्कूल खुले थे। सोशल मीडिया पर बंद को स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण बनाने के आह्वान के तहत किसी को भी बाजार बंद कराते नही देखा गया। हालांकि बंद को देखते हुये कुछ निजी स्कूलों ने पहले ही अवकाश घोषित कर दिया था। कई बाजारों में सवेरे से ही पुलिस के जवानों को गश्त करते देखा गया और कहीं भी बंद समर्थक बाजारों अथवा सड़कों पर नजर नहीं आये।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सतिंदर सिंह चड्डा ने बताया कि जिला जालंधर में पूर्ण तौर पर शांति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि कहीं से भी किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। हालांकि जिला उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रशासन के पास किसी भी संगठन ने भारत बंद के संबंध में ज्ञापन नहीं दिया। इस बंद में कौन-कौन सी संस्थाएं भाग लेने वाली हैं या फिर इसको कौन लीड करेगा इस बारे में कहीं भी कुछ साफ नहीं है।
उत्तर प्रदेश में नहीं दिखा कोई असर
नौकरियों और शिक्षा में कथित तौर पर जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ कुछ संगठनों के भारत बंद के आह्वान के बावजूद उत्तर प्रदेश में आज जनजीवन सामान्य रहा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मध्याहन तक राज्य के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। राजधानी लखनऊ में जनजीवन सामान्य रहा। कारोबारियों ने दुकानें खोलीं और वाहनों का आवागमन सामान्य रहा। सरकारी और निजी कार्यालय तथा स्कूल भी बिना किसी बाधा के खुले।
केन्द्र सरकार ने कल सभी राज्यों को सलाह दी थी कि वे भारत बंद के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम करें और किसी भी हिंसक घटना को होने से रोकें।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अपने परामर्श में कहा कि हिंसा के लिए संबद्ध जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे।
सप्ताह भर पहले भी भारत बंद का आह्वान किया गया था। देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा के दौरान लगभग दर्जन भर लोगों की मौत हो गयी थी।
राज्यों से संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त तेज करने के लिए कहा गया है ताकि जानमाल के नुकसान को रोका जा सके। उच्चतम न्यायालय द्वारा एससी—एसटी कानून को कथित तौर पर कमजोर किये जाने के विरोध में कुछ संगठनों की ओर से भारत बंद का आहवान किया गया था।
मध्यप्रदेश में बंद के दौरान शांति, पुलिस प्रशासन सतर्क
राजधानी भोपाल समेत संपूर्ण मध्यप्रदेश में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। अभी हाल ही में 2 अप्रैल को दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान कुछ जिलों में हिंसा हुई थी, वहां पर विशेष ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए राजधानी भोपाल और अन्य स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। चंबल और ग्वालियर संभाग में कुछ नगरों में ऐहतियातन कर्फ्यू लगाया गया है और राजधानी भोपाल समेत विभिन्न शहरों तथा नगरों में निषेधाज्ञा लागू की गयी है।
भोपाल में ऐहतियातन निषेधाज्ञा लागू होने के बीच जनजीवन सामान्य नजर आ रहा है। स्कूल-कॉलेज खुले हैं। सुरक्षा के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) और विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के एक-एक हजार के बल के साथ स्थानीय पुलिस के चार हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। इसी तरह इंदौर में भी जनजीवन सामान्य है, हालाकि वहां भी निषेधाज्ञा लागू है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी बंद के दौरान अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इन इलाकों में 2 अप्रैल के बंद के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इस बार पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सख्त है। भिंड में आज दिन भर के लिए कर्फ्यू लगा है। भिंड जिले के मेहगांव में सुबह आठ बजे से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिले के स्कूल-कॉलेज, बैंक, सरकारी कार्यालय बंद हैं। जिले में इंटरनेट सेवाएं कल रात से 48 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं। सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
मुरैना में आज कर्फ्यू लगा हुआ है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। जगह-जगह पुलिस की गश्त चल रही है। ग्वालियर में निषेधाज्ञा लागू है और स्कूल कालेज खुले हुए हैं। श्योपुर जिले में धारा 144 लगा दी गई है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। बंद का आह्वान सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे मैसेज के आधार पर कुछ संगठनों की ओर से किया गया है। हालाकि अभी तक कोई नेता सामने नहीं आया है।