रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में सड़कों का जाल बिछाने सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री रमन सिंह की मंशा के बाद सरकारी अमले ने अब पूरी ताकत झोंकी है। बस्तर में विकास कार्य और सड़कों का निर्माण काफी दुष्कर कार्य माना जाता है। इस मामले में नए सिरे से कवायदें शुरू हो गई है। बस्तर में पहले भी सड़क निर्माण को लेकर टेंडर के बाद काम शुरू हुआ था लेकिन नक्सली धमकियों के चलते काम अधूरे रह गए। वहीं कई क्षेत्रों में निर्माण कार्य की गति भी ठप पड़ी है।
मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि बस्तर में सड़क बिछाना हिमालय में सड़क बनाने जैसा कठिन कार्य है। इसके बावजूद उन्होंने जल्दी और तेजी से काम पूरा करने की मंशा जताई। मुख्यमंत्री के बयान के बाद ही खुद मुख्य सचिव ने कमान संभाली।
वे खुद बस्तर पहुंच गए। जिला एवं पुलिस प्रशासन समेत विभागीय आला अफसरों की मौजूदगी में बस्तर में सड़क निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान कामकाज और निर्माण की धीमी गति पर फटकार भी लगाई। सीएस की नाराजगी के अमले में हड़कंप मचते ही सक्रियता बढ़ी। सीएस ने तो समय सीमा में काम नहीं करने वाले ठेकेदारों का ठेका निरस्त करने के भी दो टूक निर्देश दे दिए। इसके बाद नए सिरे से अफसरों ने मोके पर जाकर कामकाज में तेजी लाई। वहीं दूसरे दिन से ही निर्माण कार्य ने फिर से गति पकड़ी। रमन सरकार ने बस्तर में सड़कों के निर्माण पर जोर
दिया है।
सरकार का दावा है कि बस्तर में विकास की गति बढऩे और सड़कों का जाल बिछने के बाद नक्सलवाद की जड़ें भी स्वत: ही कमजोर हो जाएगी। नक्सलवाद कमजोर पडऩे पर विकास की गति और तेज होगी आगामी एक वर्ष में बस्तर में सड़कों का जाल बिछाने की सरकार की योजना है। विभिन्न जिलों को जोडऩे वाली सड़कों को जलद से जल्द पूरा करने भी दो टूक निर्देश दिए गए हैं।