प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इंजीनियर्स दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पेशेवरों का अथक समर्पण वर्षों से देश की प्रगति की रीढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक हैंडल से देश के अग्रणी सिविल इंजीनियरों में से एक एम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि दी, जिनकी जयंती ‘इंजीनियर्स डे’ के रूप में मनाई जाती है।
On #EngineersDay we pay homage to Sir M Visvesvaraya, a visionary engineer and statesman. He continues to inspire generations to innovate and serve the nation. Here are glimpses from Chikkaballapura, where I paid homage to him during my visit earlier this year. pic.twitter.com/LP4Kn51TQo
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2023
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, इंजीनियर्सडे पर सभी मेहनती इंजीनियरों को बधाई! उनका नवोन्वेषी दिमाग और अथक समर्पण हमारे देश की प्रगति की रीढ़ रहे हैं। बुनियादी ढांचे के चमत्कारों से लेकर तकनीकी सफलताओं तक, उनका योगदान हमारे जीवन के हर पहलू को छूता है।
एक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने उन्हें एक दूरदर्शी इंजीनियर और राजनेता बताते हुए कहा कि वह पीढ़ियों को नवप्रवर्तन और राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। इंजीनियर्सडे पर हम एक दूरदर्शी इंजीनियर और राजनेता सर एम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि देते हैं। वह पीढ़ियों को नवाचार करने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। यहां चिक्काबल्लापुरा की झलकियां हैं, जहां मैंने इस साल की शुरुआत में अपनी यात्रा के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।
Greetings to all hardworking engineers on #EngineersDay! Their innovative minds and tireless dedication have been the backbone of our nation’s progress. From infrastructural marvels to tech breakthroughs, their contributions touch every aspect of our lives. pic.twitter.com/lcBeL1GmZQ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2023
15 सितंबर 1861 को चिक्कबल्लापुर के पास मुद्देनहल्ली में जन्मे विश्वेश्वरैया को अग्रणी राष्ट्र-निर्माताओं में से एक माना जाता है। उन्होंने कई प्रमुख स्थलों को डिज़ाइन किया, जो वर्षों से आधुनिक भारत को परिभाषित और चित्रित करते आए हैं। उन्होंने 1912 से 1918 तक मैसूर, जिसे पहले मैसूर के नाम से जाना जाता था, के 19वें दीवान के रूप में भी कार्य किया।