कांग्रेस ने कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों की खबरों का हवाला देते हुए मंगलवार को फेसबुक एवं भाजपा के बीच ‘सांठगांठ’ होने का आरोप फिर लगाया और दावा किया कि भारत के लोकतंत्र एवं सामाजिक सद्भाव पर किया गया ‘हमला’ बेनकाब हुआ है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण की तत्काल जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की हालिया खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक एवं व्हाट्सऐप के खुलेआम हमले को बेनकाब कर दिया है।’’
Modi Govt is jeopardising India’s future.Arrogance is making them ignore the genuine concerns of the JEE-NEET aspirants as well as the demands of those who took SSC and other exams.Give jobs, not empty slogans.#SpeakUpForSSCRailwayStudents— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 1, 2020
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘किसी भी विदेशी कंपनी को भारत के आंतरिक मामलों में दखल की अनुमति नहीं दी जा सकती। उनकी तत्काल जांच होनी चाहिए और अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि व्हाट्सऐप का स्वामित्व फेसबुक के पास है।
कांग्रेस ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि फेसबुक और भाजपा की कथित सांठगांठ ने लोकतंत्र को चोट पहुंची है।
उसने दावा किया, ‘‘भाजपा का मकसद ‘फूट डालो, शासन करो’ है और फेसबुक इसमें उसकी मदद कर रहा है। भाजपा और फेसबुक की इस सांठगांठ की जांच होनी चाहिए।
हाल ही में ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ अखबार और ‘टाइम पत्रिका’ ने कुछ खबरें प्रकाशित की थीं जिनमें दावा किया गया था कि फेसबुक की भारतीय इकाई के कुछ पदाधिकारियों ने भाजपा को फायदा पहुंचाया।
कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने शनिवार को कहा कि किसी सोशल मीडिया कंपनी ने नहीं, बल्कि भारत के लोगों और कांग्रेस ने राहुल गांधी को खारिज किया है।